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Income Tax Return: सरकार ने ITR-3 फॉर्म किया नोटिफाई, क्या हुए हैं बदलाव; किसे करना होता है फाइल – income tax department has notified itr 3 form for ay 2025 26 check changes and who should file

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आयकर विभाग ने इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए ITR-3 फॉर्म को नोटिफाई कर दिया है। गुरुवार देर रात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में आयकर विभाग ने कहा कि असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए ITR-3 को 30 अप्रैल को नोटिफाई किया गया है। यह फॉर्म बिजनेस या प्रोफेशन से प्रॉफिट और गेन से कमाई करने वाले व्यक्तियों और HUFs (हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली) की ओर से फाइल किया जाता है। इन टैक्सपेयर्स में प्रोपराइटर्स, फ्रीलांसर; डॉक्टर, वकील, कंसल्टेंट जैसे प्रोफेशनल्स; फर्म्स में पार्टर (फर्म से केवल सैलरी या ब्याज कमाने वालों को छोड़कर) आते हैं।इसके अलावा ऐसे टैक्सपेयर, जिनकी बिजनेस या प्रोफेशनल इनकम के साथ-साथ हाउस प्रॉपर्टी, कैपिटल गेंस या अन्य सोर्सेज से इनकम है, वे भी ITR-3 फॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं।क्या बदलाव हुएसंबंधित खबरें- नए ITR-3 फॉर्म में ‘शेड्यूल AL’ के तहत एसेट्स और लायबिलिटीज की रिपोर्टिंग के लिए थ्रेसहोल्ड 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दी गई है। इससे मिडिल इनकम वाले करदाताओं पर डिस्क्लोजर का बोझ कम हो गया है।- ITR के शेड्यूल कैपिटल गेन्स में, कैपिटल गेन्स को अब इस आधार पर स्प्लिट किया जाना चाहिए कि वे 23 जुलाई, 2024 से पहले या बाद में जनरेट हुए हैं। 24 जुलाई 2024 को पेश किए गए बजट में, सरकार ने इंडेक्सेशन बेनिफिट के बिना रियल एस्टेट पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स को 12.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव दिया था। इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ यह टैक्स 20 प्रतिशत है। इंडेक्सेशन बेनिफिट करदाताओं को महंगाई के लिए एडजस्टमेंट के बाद प्रॉपर्टी की कॉस्ट प्राइस पर पहुंचने की इजाजत देता है।ऐसे में अब 23 जुलाई, 2024 से पहले घर खरीदने वाले व्यक्ति या HUFs, इंडेक्सेशन बेनिफिट के बिना 12.5 प्रतिशत की दर से नई योजना के तहत लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) टैक्स का पेमेंट करने का विकल्प चुन सकते हैं, या इंडेक्सेशन बेनिफिट का दावा कर 20 प्रतिशत टैक्स का भुगतान कर सकते हैं।- शेयर बायबैक लॉस नियम: 1 अक्टूबर 2024 से लिस्टेड शेयर बायबैक पर कैपिटल लॉस की इजाजत केवल तभी दी जाएगी, जब संबंधित डिविडेंड इनकम को “अन्य स्रोतों से आय” के तहत दिखाया गया हो।- डिटेल्ड डिडक्शन रिपोर्टिंग: ITR-3 फॉर्म अब 80C (निवेश) और 10(13A) (हाउस रेंट अलाउंस) जैसे सेक्शंस के तहत अधिक डिटेल्स मांगता है।- TDS सेक्शन कोड: करदाताओं को अब बेहतर टैक्स क्रेडिट ट्रैकिंग के लिए शेड्यूल-TDS में TDS सेक्शन कोड (जैसे 194A, 194H) का उल्लेख करना होगा।न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, टैक्स कंसल्टेंसी फर्म एकेएम ग्लोबल में पार्टनर-टैक्स, संदीप सहगल का कहना है कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए ITR-3 फॉर्म में महत्वपूर्ण अपडेट किए हैं। इससे बिजनेस या प्रोफेशन से आय वाले व्यक्तियों और HUFs के लिए अनुपालन आसान हो गया है। सहगल के मुताबिक, सेक्शन 80C और सेक्शन-वाइज TDS रिपोर्टिंग जैसे डिडक्शन के लिए ड्रॉपडाउन भी पेश किए गए हैं, जिससे ट्रांसपेरेंसी, एक्योरेसी और फाइलिंग में आसानी बढ़ी है। इससे पहले 29 अप्रैल को सरकार ने असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए ITR-1 फॉर्म और ITR-4 फॉर्म को नोटिफाई किया था।ITR Filing: आयकर रिटर्न दाखिल करने की कब शुरू होगी प्रक्रिया? जानें ITR-1 और ITR-4 में क्या हुए नए बदलाव

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