Income Tax: इस साल ITR फाइल करने के बावजूद रिफंड आने में देर हो सकती है, जानिए इसकी वजह – income tax you may have to wait for income tax refund this year know what is the reason behind this
वित्त वर्ष 2024-25 का इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करने की प्रक्रिया जल्द शुरू हो जाएगी। आईटीआर फाइल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई होती है। ऐसे टैक्सपेयर्स जिनके अकाउंट्स का ऑडिट जरूरी नहीं है, उनके लिए जुलाई की आखिरी तारीख तक रिटर्न फाइल करना जरूरी है। इसके बाद रिटर्न फाइल करने पर पेनाल्टी और टैक्स पर इंटरेस्ट देना होगा। टैक्स एक्सपर्ट्स रिटर्न फाइल करने के लिए अंतिम तारीख का इंतजार नहीं करने की सलाह देते हैं। इस बार डेडलाइन से पहले रिटर्न फाइल करने के बावजूद रिफंड आने में देर हो सकती है। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं।डेडलाइन से पहले ITR फाइल करने पर जल्द आता है रिफंडइनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Deparment) डेडलाइन के अंदर आईटीआर फाइल होने के बाद रिटर्न की प्रोसेसिंग शुरू करता है। ITR में किसी तरह का मिसमैच नहीं होने पर रिफंड इश्यू कर दिया जाता है। फिर कुछ हफ्तों में यह पैसा टैक्सपेयर्स के सेविंग्स बैंक अकाउंट में क्रेडिट हो जाता है। आम तौर पर जो टैक्सपेयर्स पहले आईटीआर फाइल करते हैं उनके रिटर्न की प्रोसेसिंग भी पहले होती है। इससे उन्हें जल्द रिफंड का पैसा मिल जाता है। यह पूरा प्रोसेस बिल्कुल सिंपल है।संबंधित खबरेंइनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्सपेयर्स को भेजा है ईमेलइकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का ईमेल कुछ टैक्सपेयर्स को मिला है। इसमें उन्हें बताया गया है कि चूंकि उनके टैक्स रिटर्न का एसेसमेंट या रिएसेसमेंट नहीं हो पाया है, जिससे उनके टैक्स रिफंड अमाउंट को तब तक रोक लिया जाएगा, जब तक टैक्स अफसर इसकी ठीक तरह से जांच नहीं कर लेता है। ईमेल में यह भी बताया गया है कि अगर पहले का कोई टैक्स बकाया पाया जाता है तो उसे टैक्सपेयर्स के रिफंड अमाउंट के साथ एडजस्ट किया जाएगा।टैक्सपेयर्स को अपना ईमेल ठीक से चेक कर लेना चाहिएइनकम टैक्स के डिप्टी डायरेक्टर की तरफ से यह ईमेल 11 मार्च, 2025 को भेजा गया है। इसका मतलब है कि जिन लोगों को यह ईमेल भेजा गया है, उनका रिफंड आने में इस साल ज्यादा समय लग सकता है। यह भी हो सकता है कि उनका रिफंड कम आए या कोई रिफंड नहीं आए। टैक्सपेयर्स को अपना ईमेल ठीक तरह से चेक कर लेना चाहिए। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर किसी टैक्सपेयर्स को इस तरह का ईमेल नहीं आया है तो इसका मतलब है कि उसके रिटर्न की दोबारा एसेसमेंट की जरूरत नहीं है। ऐसे टैक्सपेयर्स का रिफंड आने में देर नहीं होगी।यह भी पढ़ें: ओल्ड या न्यू टैक्स रीजीम? कहां बचेगा ज्यादा टैक्स! 31 जुलाई तक ITR फाइल करते समय ये प्वाइंट आएंगे कामइनकम टैक्स डिपार्टमेंट सेक्शन 245 का करेगा इस्तेमालइनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने भी कहा है कि अगर एसेसमेंट के बाद किसी टैक्सपेयर्स के रिफंड अमाउंट को एडजस्ट किया जाता है तो इसके लिए विभाग इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्श 245(2) का इस्तेमाल करेगा। यह सेक्शन इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को टैक्सपेयर के करेंट ईयर के टैक्स रिफंड को पहले के सालों के टैक्स डिमांड के साथ एडजस्ट करने का अधिकार देता है। खास बात यह है कि सेक्शन 245 से जुड़े मामलों में एडजस्टमेंट के लिए समय की कोई लिमिट तय नहीं है।