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Index Fund vs Active Fund : इंडेक्स या एक्टिव, कौन सा फंड देता है बेहतर रिटर्न? – mutual fund investment index fund vs active fund which one is better

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Mutual Fund Investment: म्यूचुअल फंड में निवेश करके लॉन्ग टर्म में संपत्ति बढ़ाने का चलन काफी तेजी से बढ रहा है। हालांकि, कई निवेशकों को यह तय करने में मुश्किल होती है कि इंडेक्स फंड और एक्टिव फंड (Index Fund vs Active Fund) में से किसे चुनें। दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं, इसलिए फैसला आपकी रिस्क लेने की क्षमता, फाइनेंशियल गोल और निवेश की जानकारी पर निर्भर करता है। आइए दोनों के बारे में डिटेल में जानते हैं।इंडेक्स फंड क्या हैं?इंडेक्स फंड पैसिव रूप से मैनेज किए जाने वाले म्यूचुअल फंड होते हैं। ये किसी खास स्टॉक मार्केट इंडेक्स, जैसे कि Nifty 50 या S&P 500, के परफॉर्मेंस को ट्रैक करने के लिए बनाए जाते हैं। ये इंडेक्स में मौजूद कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं और इसी अनुपात में पोर्टफोलियो बनाते हैं। इनकी रणनीति पहले से तय होती है, इसलिए फंड मैनेजर को ज्यादा दखल देने की जरूरत नहीं पड़ती। इंडेक्स फंड में एक्सपेंस रेशियो (खर्च) कम होता है और निवेशकों के लिए यह कम लागत वाला विकल्प होता है।एक्टिव फंड क्या हैं?एक्टिव फंड ऐसे म्यूचुअल फंड होते हैं, जिनमें फंड मैनेजर और उनकी टीम निवेश का फैसला लेती है। इनका मकसद बाजार से बेहतर रिटर्न हासिल करना होता है। फंड मैनेजर बाजार के रुझान, आर्थिक परिस्थितियों और कंपनियों की गहन रिसर्च के आधार पर स्टॉक्स चुनते हैं। इस प्रक्रिया में रिसर्च, मैनेजमेंट फीस और ट्रेडिंग कॉस्ट शामिल होती है। इससे एक्टिव फंड की लागत अधिक हो जाती है। निवेशकों को अधिक रिटर्न मिलने की संभावना होती है, लेकिन इसमें अस्थिरता और जोखिम भी ज्यादा रहता है।इंडेक्स फंड बनाम एक्टिव फंड: कौन बेहतर?रिसर्च बताती हैं कि ज्यादातर एक्टिव फंड लंबे समय में इंडेक्स फंड को मात देने में असफल रहते हैं। SPIVA इंडिया रिपोर्ट 2023 के मुताबिक, 88% एक्टिव लार्ज-कैप फंड पिछले 5 वर्षों में Nifty 50 से कमजोर प्रदर्शन कर चुके हैं। वहीं, इंडेक्स फंड ने औसतन बाजार जितना रिटर्न दिया है और उनकी लागत भी कम रहती है।इंडेक्स फंड में कम एक्सपेंस रेशियो होता है, क्योंकि इन्हें एक्टिव रूप से मैनेज नहीं किया जाता। एक्टिव फंड में फंड मैनेजर की फीस, रिसर्च खर्च और ट्रेडिंग कॉस्ट जुड़ी होती है, जिससे इनकी लागत अधिक होती है। इंडेक्स फंड कम जोखिम वाले होते हैं, क्योंकि वे पूरे इंडेक्स में निवेश करते हैं, जिससे विविधता (Diversification) बढ़ती है। एक्टिव फंड में फंड मैनेजर के गलत निर्णय लेने की आशंका रहती है, जिससे नुकसान हो सकता है।लंबे समय (10+ साल) के निवेश के लिए इंडेक्स फंड ज्यादा फायदेमंद होते हैं, क्योंकि वे बाजार के औसत रिटर्न को कैप्चर कर लेते हैं। लेकिन, शॉर्ट-टर्म इन्वेस्टमेंट की बात करें, तो एक्टिव फंड का प्रदर्शन बेहतर हो सकता है, खासकर जब बाजार में अस्थिरता बनी रहती है।आपको कौन-सा फंड चुनना चाहिए?रिसर्च बताती हैं कि अगर आप कम लागत, स्थिर रिटर्न और कम जोखिम चाहते हैं, तो इंडेक्स फंड बेहतर विकल्प हैं। लेकिन, यदि आप ज्यादा जोखिम उठाने को तैयार हैं और बाजार के औसत रिटर्न को मात देना चाहते हैं, तो एक्टिव फंड का चयन कर सकते हैं। हालांकि, लॉन्ग-टर्म निवेशकों के लिए इंडेक्स फंड अधिक फायदेमंद हो सकता है, जबकि शॉर्ट-टर्म में एक्टिव फंड से फायदा हो सकता है।यह भी पढ़ें: SIP स्टॉपेज रेशियो ऑल-टाइम हाई पर, अब क्या करें निवेशक?

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