IndusInd Bank के सीईओ सुमंत कठपलिया ने कहा-यह क्राइसिस बैंक के लिए बड़ा इम्तिहान – indusind bank ceo sumant kathpalia says this crisis is a acid test for indusind bank
इंडसइंड बैंक के सीईओ सुमंत कठपालिया ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि इंडसइंड बैंक की क्राइसिस बैंक के लिए एक बड़ा इम्तिहान है। 10 मार्च को डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में लैप्सेज की खबर आने के बाद इंडसइंड बैंक सुर्खियों आ गया। 11 मार्च को स्टॉक मार्केट्स खुलते ही बैंक के शेयर क्रैश कर गए। 10 मार्च को भी बैंक के शेयरों में गिरावट आई थी, जिसकी वजह बैंक के सीईओ को सिर्फ एक साल का एक्सटेंशन था। बैंक के बोर्ड ने कठपालिया को तीन साल का एक्सटेंशन देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। लेकिन, आरबीआई ने उन्हें सिर्फ एक साल का एक्सटेंशन दिया।कठपालिया ने 10 मार्च को इनवेस्टर्स कॉल में कहा, “मुझे नहीं पता कि मुझे सिर्फ एक साल का एक्सटेंशन दिया गया। मुझे लगता है कि वे मेरे लीडरशिप स्किल को लेकर सहज नहीं हैं। मैं इसका सम्मान करता हूं। यह बैंक के लिए बड़ा इम्तिहान है और नए सीईओ की तलाश करने का समय है।” उन्होंने यह बात एनालिस्ट्स के इस सवाल के जवाब में कही कि रेगुलेटर ने उन्हें क्यों उम्मीद से कम एक्सटेंशन दिया। उन्होंने इंडसइंड बैंक को फॉरेक्स डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में अकाउंटिंग में गड़बड़ी के खुलासे से पैदा हुई चिंता को दूर करने की भी कोशिश की।इंडसइंड बैंक ने कहा है कि डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में लैप्सेज की वजह से दिसंबर 2024 तक उसके नेटवर्थ पर 1,530 करोड़ रुपये यानी 2.35 फीसदी का असर पड़ सकता है। इस बीच, मामले की जांच के लिए एक स्वतंत्र एजेंसी को नियुक्त कर दिया है। इसकी रिपोर्ट इस महीने के अंत तक आ जाने की उम्मीद है। कठपालिया ने कहा, “लीडरशिप में बदलाव का असर बैंक की ग्रोथ के एजेंडा पर नहीं पड़ेगा। मुझे बैंक में एक साल का समय मिला है। बोर्ड एक्सटर्नल और इनटर्नल कैंडिडेट्स पर विचार करेगा। इसमें मैं शामिल रहूंगा या कोई और आएगा, यह बोर्ड पर है।”संबंधित खबरेंआरबीआई का कठपालिया को सिर्फ एक साल का विस्तार देना, इस बात का संकेत माना जा रहा है कि रेगुलेटर उनकी लीडरशिप से खुश नहीं है। दरअसल, इंडसइंड बैंक के साथ कई तरह के मसले चल रहे हैं। माइक्रो फाइनेंस सेक्टर को दिया गया लोन एक बड़ी मुसीबत बना हुआ है। इस मुसीबत से बैंक को बाहर निकालने की कठपालिया की कोशिश रेगुलेटर की नजरों में रही है। इससे पहले केंद्रीय बैंक ने कठपालिया को 2023 में दो साल का विस्तार दिया था।