IndusInd Bank के CEO और डेप्युटी CEO नहीं करने वाले हैं रिजाइन, बैंक ने जारी किया क्लैरिफिकेशन – indusind bank denied media reports that said bank chiefs will exit within months following the accounting lapses
इंडसइंड बैंक ने उन मीडिया रिपोर्ट्स का खंडन किया है, जिनमें कहा गया कि बैंक के टॉप अधिकारी, अकाउंटिंग में चूक के बाद कुछ महीनों के अंदर पद छोड़ देंगे। इंडसइंड बैंक के प्रवक्ता ने कहा, “हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि बैंक के सीईओ और डेप्युटी सीईओ के कार्यकाल के बारे में हाल की मीडिया रिपोर्ट तथ्यात्मक रूप से गलत हैं। बैंक इन आर्टिकल्स में किए गए दावों का दृढ़ता से खंडन करता है। फैलाई जा रही जानकारी पूरी तरह से गलत है और वास्तविक स्थिति को नहीं दर्शाती है।”इससे पहले 21 मार्च को ही रॉयटर्स ने सूत्रों का हवाला देते हुए खबर दी थी कि भारतीय रिजर्व बैंक ने अकाउंटिंग में हुई बड़ी चूक के बाद इंडसइंड बैंक के सीईओ और डेप्युटी सीईओ से अनुरोध किया है कि वे जैसे ही रिप्लेसमेंट मिले और केंद्रीय बैंक उन्हें मंजूरी दे, अपना पद छोड़ दें। सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया कि आरबीआई ने कहा है कि उसने बैंक के टॉप अधिकारियों पर भरोसा खो दिया है, लेकिन वह जमाकर्ताओं को परेशान करने से बचने के लिए एक व्यवस्थित बदलाव चाहता है। यह भी कहा गया कि आरबीआई चाहता है कि नया कैंडिडेट इंडसइंड बैंक से बाहर का हो।IndusInd Bank में क्या है गड़बड़ीइंडसइंड बैंक भारत में प्राइवेट सेक्टर का 5वां सबसे बड़ा बैंक है। इसकी बैलेंस शीट 5.4 लाख करोड़ रुपये की है। 10 मार्च को बैंक ने खुलासा किया कि नॉन-कंप्लायंट इंटर्नल ट्रेड्स के बाद इसका डेरिवेटिव पोर्टफोलियो लगभग 2.35 प्रतिशत ओवरवैल्यूड है। बैंक ने एक्सटर्नल इनवेस्टिगेटर्स को नियुक्त किया है। इंडसइंड बैंक के सीईओ सुमंत कथपालिया हैं। डेप्युटी सीईओ अरुण खुराना हैं, जो ग्लोबल मार्केट्स डिवीजन के भी हेड हैं। इसी डिवीजन में डेरिवेटिव पोर्टफोलियो शामिल है।भारतीय रिजर्व बैंक ने 15 मार्च को ग्राहकों को आश्वस्त किया था कि इंडसइंड बैंक के पास पर्याप्त पूंजी है। साथ ही बैंक के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को निर्देश दिया कि वह अकाउंटिंग में अनुमानित 2,100 करोड़ रुपये के अंतर से संबंधित सुधारात्मक कार्रवाई इसी महीने पूरी कर ले। केंद्रीय बैंक ने ग्राहकों और निवेशकों को आश्वासन दिया कि इंडसइंड बैंक की वित्तीय स्थिति स्थिर बनी हुई है और वह इस पर बारीकी से नजर रख रहा है। अकाउंटिंग में गड़बड़ी का बैंक की नेट वैल्यू पर 2.35 प्रतिशत असर पड़ने का अनुमान है।