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हाईब्रिड फंड में निवेश: आपकी बचत के लिए है संतुलित विकल्प – hybrid fund a balanced option for your savings how to invest

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आज के बाज़ार और आर्थिक दुनिया को देखते हुए, निवेशक अपने लिए निवेश के ऐसे विकल्प तलाश रहे हैं जहां पैसे तेज़ी से बढ़ें और जोखिम का स्तर भी सीमित हो। म्युचुअल फंड की विविधता भरी दुनिया में से ऐसा ही एक विकल्प हाईब्रिड फंड है। ऐसे निवेशक जो अपने पोर्टफ़ोलियो को संतुलित रखना चाहते हैं, हाईब्रिड फंड उनके लिए बेहतरीन विकल्प है। पिछले कुछ समय में यह तेज़ी से लोकप्रिय भी हो रहा है। हमारे मौजूदा अभियान Mutual Funds Sahi Hai (म्युचुअल फंड सही है) की ओर से आयोजित “Nivesh ka Sahi Kadam” (निवेश का सही कदम) पूरी जानकारी के साथ निवेश के लिए रणनीतिक तरीके बताता है।क्या होते हैं हाईब्रिड फंडइसमें निवेश को अलग-अलग तरह के फंड में डाला जाता है। निवेश का मुख्य हिस्सा इक्विटी और तय आय वाले फंड जैसे कि बॉन्ड और डेट सिक्योरिटी (ऋण प्रतिभूतियां) वगैरह। फंड में इस तरह का संतुलन रखने का उद्देश्य इक्विटी से मिलने वाले ज़्यादा से ज़्यादा रिटर्न का भरपूर लाभ उठाना है। इसके अलावा, निश्चित आय वाले बॉन्ड वगैरह में निवेश स्थिरता के साथ निश्चित आय की सुरक्षा भी देता है। निवेश में विविधता के ज़रिए हाईब्रिड फंड जोखिम और रिटर्न को बेहतरीन तरीके से संतुलित करते हैं। अपनी इस विशेषता की वज़ह से निवेशकों के एक बड़े वर्ग के लिए ये उपयुक्त विकल्प हैं।संबंधित खबरेंहाईब्रिड फंड कितनी तरह के होते हैंहाईब्रिड फंड के कई विकल्प हैं। इनमें से हरेक विकल्प खास निवेश उद्देश्यों और जोखिम की क्षमता को पूरा करने के लिए ध्यान में रखकर तैयार किया जाता है।1. संतुलित लाभ फंड या बैलेंस एडवांटेज फंडये ऐसे फंड होते हैं जो इक्विटी और लोन एलोकेशन (ऋण आवंटन) को, बाज़ार के उतार-चढ़ाव को देखते हुए समायोजित करते हैं। इसका उद्देश्य जोखिम को कम से कम रखते हुए ज़्यादा से ज़्यादा रिटर्न देना है।2. इक्विटी-ओरिएंटेड हाईब्रिड फंडइस तरह के फंड में इक्विटी की मात्रा ज़्यादा होती है। ये फंड सीमित मात्रा में जोखिम उठाने के साथ पैसे बढ़ाने पर ध्यान देते हैं। साथ ही, यह स्थिरता के साथ कुछ रकम निश्चित आय के तौर पर निर्धारित करते हैं।3. डेट या ऋण-ओरिएंटेड हाईब्रिड फंडये ऐसे फंड होते हैं जिनका उद्देश्य निश्चित आय तय करना होता है। ये फंड कम जोखिम के साथ आय के लिहाज़ से स्थिरता देते हैं। पारंपरिक निवेशकों के लिए यह अच्छा विकल्प है।हाईब्रिड फंड में निवेश के फ़ायदे1. डायवर्सिफिकेशनये फंड निवेशकों को विविधता का विकल्प देते हैं। इसमें पैसा अलग-अलग तरह के फंड में डाला जाता है। इससे किसी एक ही तरह के फंड में पूरा पैसा नहीं रहता और यह बाज़ार के उतार-चढ़ाव और जोखिम को नियंत्रित करता है। इसके अलावा, फंड में विविधता निवेश में बेहतर रिटर्न की क्षमता को सही तरीके से बनाए रखता है।2. रिस्क मैनेजमेंटइक्विटी और डेट या ऋण वाले फंड के बीच सुंतलन बनाकर यह जोखिम को कम से कम करता है। इक्विटी पैसों के तेज़ी से बढ़ाने का साधन हैं, तो डेट फंड स्थिरता लेकर आते हैं। कम से कम जोखिम उठाने की चाह रखने वाले निवेशकों के लिए हाईब्रिड फंड समझदारी भरा विकल्प है।3. सुविधाजनकऐसे निवेशक जो डेट फंड के साथ इक्विटी में भी निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए हाईब्रिड फंड एक सही मंच है। यहां उन्हें एक ही जगह पर सारे विकल्प मिवते हैं। इससे अलग-अलग निवेश के विकल्पों को प्रबंधित करने की ज़रूरत नहीं होती है।4. पेशेवर प्रबंधनअनुभवी फंड प्रबंधक यहां आपके पैसे को मैनेज करते हैं। हाईब्रिड फंड के ज़रिए बाज़ार के उतार-चढ़ाव के बीच अपने पैसों को सही जगह पर निवेश कर सकते हैं और उनकी स्थिति पर लगातार नज़र बनाए रख सकते हैं।सही फ़ैसला लेनाहाईब्रिड फंड में निवेश का फ़ैसला लेते समय, अपने आर्थिक लक्ष्यों, जोखिम उठाने की क्षमता और निवेश के सभी पहलुओं का सही से आकलन करना ज़रूरी है। आप सही फ़ैसले तक पहुंच सकें, इसके लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:1. लक्ष्य तय करेंहाईब्रिडं फंड चुनने से पहले तय करें कि निवेश से जुड़े आपके लक्ष्य क्या हैं। यह पैसे बढ़ाना, निश्चित आय का विकल्प बनाना या इन दोनों का मिला-जुला रूप भी हो सकता है। अलग-अलग उद्देश्यों को पूरा करने के लिए, हाईब्रिड फंड को कई तरह के फंड में डाला जा सकता है।2. जोखिम उठाने की क्षमता का आकलन करेंबाज़ार के उतार-चढ़ाव के बीच यह देखें कि आपकी जोखिम उठाने की क्षमता कितनी है। इक्विटी-ओरिएंटेड हाईब्रिड फंड में रिटर्न ज़्यादा होता है, लेकिन जोखिम भी अधिक होता है। इसी तरह से डेट-ओरिएंटेड हाईब्रिड फंड बाज़ार की गतिशीलता के बीच स्थिरता देते हैं।3. फंड के पुराने प्रदर्शन की समीक्षा करेंफंड के अतीत में किए प्रदर्शन के बारे में अच्छी तरह से जांचें। यहां यह नहीं भूलना चाहिए कि इन फंड का पिछला प्रदर्शन इनके भविष्य में भी वैसे ही प्रदर्शन की गारंटी नहीं हो सकते हैं। रिटर्न में स्थिरता और फंड मैनेजर के ट्रैक रिकॉर्ड महत्वपूर्ण तथ्य होते हैं और इनके बारे में विस्तार से जानें।4. शुल्क और दूसरे खर्चों के बारे में जानेंफंड से जुड़े दूसरे खर्चों और किसी भी और तरह के लगने वाले शुल्क के बारे में पूरी जानकारी लें। यह कम लागत और समय के साथ आपके रिटर्न को काफ़ी हद तक बढ़ा सकता है।आर्थिक सफलता की दिशा में निवेश का फ़ैसला समझदारी से लेना पहली शर्त है। बाज़ार में उपलब्ध निवेश के विकल्पों की बारीकियों को समझना भी ज़रूरी है। यह आपके आर्थिक लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में पहली सीढ़ी है। हाईब्रिड फंड, अपने संतुलित नज़रिए के साथ, एक मजबूत निवेशपोर्टफ़ोलियो को तैयार करने का आधार बन सकते हैं। इससे आप पूरे आत्मविश्वास के साथ अपने आर्थिक लक्ष्यों की ओर बढ़ने में मदद करते हैं।जैसे-जैसे आप अपनी निवेश यात्रा पर आगे बढ़ते हैं, हाईब्रिड फंड और इसमें निवेश की रणनीति के बारे में ज़्यादा से ज़्यादा जानें और समझें। यह आपकी निवेश यात्रा को नए पंख देगा।म्युचुअल फंड में निवेश बाज़ार की जोखिमों के अधीन है। कृपया निवेश का फ़ैसला लेने से पहले सभी दस्तावेज ध्यान से पढ़ें। योजनाओं के NAV अलग-अलग कारकों की वज़ह से प्रभावित होते रहते हैं। इनमें ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव भी शामिल है। ऐसा ज़रूरी नहीं है कि किसी म्युचुअल फंड का भविष्य में प्रदर्शन पहले किए प्रदर्शन के जैसा ही हो। साथ ही, म्युचुअल फंड किसी भी योजना के तहत लाभांश की गारंटी या आश्वासन नहीं देता है। म्युचुअल फंड से मिलने वाला लाभांश या रिटर्न पूरी तरह से अधिशेष या लाभ की उपलब्धता और उसके वितरण पर निर्भर करता है। निवेशकों से अनुरोध है कि वे प्रस्तावों की सावधानी से समीक्षा करें और योजना में निवेश/भागीदारी के कानून, कर और आर्थिक उद्देश्यों के संबंध में पेशेवर विशेषज्ञों से राय लें।अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें  https://www.news18features.com/niveshkasahikadam

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