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आवासीय रियल एस्टेट में निवेश के बड़े अवसर, पूंजी की कमी बनी चुनौती

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पूंजी की कमी झेल रहे आवासीय रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश के बड़े अवसर हैं। आईवीसीए कॉन्क्लेव 2025 में उद्योग के विशेषज्ञों ने यह जानकारी दी है। ट्राइबेका डेवलपर्स के संस्थापक कल्पेश मेहता ने कहा, ‘अगर आप रियल एस्टेट के किसी अन्य उप-क्षेत्र पर नजर डालें, चाहे वह कार्यालय हो या डेटा सेंटर या खुदरा क्षेत्र, तो इन उप-क्षेत्रों में काफी ज्यादा इक्विटी धन आ रहा है।

आवासीय क्षेत्र में अब भी इक्विटी पूंजी नहीं आ रही है। मुझे लगता है कि अगर कोई निवेश के नजरिये से अवसर को देखे तो अभी कार्यालय-स्तरीय परियोजना या डेटा सेंटर परियोजना में निवेश के मुकाबले आवासीय क्षेत्र में इक्विटी निवेश करने के काफी बेहतर अवसर हैं।’ मेहता का मानना है कि रियल एस्टेट रेगुलेटरीअथॉरिटी (रेरा) ने इस क्षेत्र को काफी ‘साफ’ कर दिया है और इस क्षेत्र में अनूठे अवसर हैं, लेकिन इसका लाभ उठाने वाले पर्याप्त लोग नहीं हैं।

ज्यादा पूंजी वाले आवासीय रियल एस्टेट क्षेत्र की इस उद्योग में सबसे ज्यादा – लगभग 75 से 80 प्रतिशत हिस्सेदारी है जो किसी भी अन्य वाणिज्यिक रियल एस्टेट क्षेत्र की तुलना में अधिक है। पिछले 10 साल के दौरान रियल एस्टेट निवेश की हिस्सेदारी सभी वैकल्पिक पूंजी निवेशों के लगभग 14 प्रतिशत स्तर पर रही है जो 56 अरब डॉलर के बराबर है। भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र में साल 2024 के दौरान जमीन के सौदों की मात्रा में उल्लेखनीय 65 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।

इससे निवेशकों के जोरदार विश्वास और बाजार के जबरदस्त माहौल का संकेत मिलता है। अरण्य रियल एस्टेट्स फंड एडवाइजर के संस्थापक और मुख्य कार्य अधिकारी शरद मित्तल ने कहा कि पूंजी की कमी ‘विनियमन या पूंजी बाजार के ढांचे के कारण है।’

कोटक रियल एस्टेट फंड के मैनेजिंग पार्टनर सोनू जालान ने कहा, ‘80 प्रतिशत मूल्य सृजन आवासीय क्षेत्र में होता है। वैश्विक स्तर पर हम जिस तरह से देखते हैं, उस लिहाज से यह काफी अनोखा है। एशियाई और खास तौर पर भारतीय, हम ज्यादा संपत्ति रखना पसंद करते हैं।’