Market trend : डर के इस माहौल में वोलैटिलिटी इंडेक्स India VIX पर रहे नजर, मुनाफे की रणनीति बनाने में होगी आसानी – volatility index explained if you want to make investment strategy easy then understand what is the meaning of rise and fall in the fear index
टैरिफ वॉर के चलते एक तरफ जहां बाजार में घमासान मचा हुआ है। वहीं डर का इंडेक्स कहा जाने वाला “वौलेटिलिटी इंडेक्स इंडिया VIX” में तेजी और गिरावट निवेशकों के पसीने छूटा रही है। ऐसे में निवेशकों के लिए इस डर के इंडेक्स को समझना और भी जरुरी हो जाता है।बता दें कि इंडिया विक्स इंडेक्स का म्यूचुअल फंड से सीधा इपेक्ट भले ही ना हो लेकिन इन्वेस्टमेंट सेटीमेंट के लिए ये इंडेक्स काफी अहम हैं।ऐसे में बाजार में बहुत सारे ऐसे इन्वेस्टर्स ऐसे है जो इस इंडेक्स के बारे में नहीं जानते। ऐसे में वोलैटिलिटी इंडेक्स के जरिए निवेश की स्ट्रैटेजी समझाते हुए मनी मंत्रा (Money Mantra) के फाउंडर विरल भट्ट (Viral Bhatt) ने कहा India VIX (Volatility Index) भारतीय शेयर बाजार की अगले 30 दिनों की अस्थिरता (volatility) का अनुमान लगाने वाला एक इंडिकेटर है। इसे “डर का मीटर” भी कहा जाता है, क्योंकि जब बाजार में अनिश्चितता बढ़ती है, तो India VIX ऊपर चला जाता है।निफ्टी ऑप्शंस की इम्प्लाइड वोलैटिलिटी (Implied Volatility of NIFTY Options)-अगर India VIX ज्यादा है, तो इसका मतलब है कि बाजार में डर और अनिश्चितता अधिक है और यदि VIX कम है, तो इसका मतलब बाजार स्थिर है।संबंधित खबरेंकिसने किया इंडेक्स को इंट्रोड्यूस1993 में शिकागो बोर्ड ऑफ ऑप्शन एक्सचेंज ने इस इंडेक्स को इंट्रोड्यूस किया था। ये इंडेक्स बाजार की चाल बताने वाला इंडेक्स है। इंडिया विक्स इंडेक्स शॉर्ट टर्म के उतार-चढ़ाव को बताता है। रिस्क सेंटिमेंट समझने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।उन्होंने आगे कहा कि बाजार पॉजिटिव है तब वोलैटिलिटी इंडेक्स कम होता है। बाजार में गिरावट का माहौल हो तब इंडेक्स की वैल्यू ज्यादा होती है। इंडेक्स बढ़ने पर बाजार में अस्थिरता का माहौल होता है। इंडेक्स बढ़ता है तो गिरावट की आशंका ज्यादा होती है।ऑप्शन ट्रेडिंग डाटा से लिए जाते हैं आंकड़ेबता दें कि इंडिया VIX की गणना NSE द्वारा NIFTY ऑप्शंस की ऑर्डर बुक के आधार पर की जाती है। NSE के F&O सेगमेंट पर ट्रेड किए जाने वाले निकट और अगले महीने के NIFTY ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट्स के सर्वश्रेष्ठ बोली-मांग उद्धरणों का उपयोग इंडिया VIX की गणना के लिए किया जाता है। वहीं US VIX की गणना S&P 500 के ऑप्शन ट्रेडिंग डाटा से आंकड़े लिए जाते हैं।विरल भट्ट के मुताबिक डर का इंडेक्स चुनाव के समय, बजट अनाउंसमेंट के समय और ग्लोबल संकट के समय ज्यादा बढ़ता है। उन्होंने आगे कहा कि इंडिया विक्स की रेंज आमतौर पर यह 10 से 25 के बीच रहता है। अगर 25 से ऊपर है तो बाजार में घबराहट बढ़ रही है।बाजार में रिस्क फैक्टर काफी ज्यादा, फिलहाल लीडर्स पर करें नया निवेश- अनिरुद्ध गर्ग