1990 में एक किलो गोल्ड से मारुति 800, 2000 में मारुति एस्टीम और 2019 में BMW खरीद सकते थे, जानिए किस तरह चढ़ा है सोना – gold one kg gold may have bought maruti 800 in 1990 maruti esteem in 2000 and bmw in 2029
गोल्ड की कीमतों में 21 मार्च को नरमी दिखी। लेकिन, यह हफ्ता गोल्ड के लिए पॉजिटिव रहा। इस हफ्ते गोल्ड के तेजी के नए रिकॉर्ड बनाए। ग्लोबल ट्रेड वॉर बढ़ने और अमेरिका में इंटरेस्ट रेट में कमी के अनुमान से सोने की चमक बढ़ी। इससे गोल्ड का प्राइस विदेशी बाजार में 3,060 डॉलर प्रति औंस के करीब पहुंच गया। यह लगातार तीसरा हफ्ता है जब सोने की कीमतें चढ़ी हैं। इस हफ्ते गोल्ड 1.66 फीसदी चढ़ा है।इस हफ्ते गोल्ड ने बनाया ऊंचाई का रिकॉर्ड20 मार्च को गोल्ड 3,057 डॉलर प्रति औंस पहुंच गया था। यह सोने की अब तक की सबसे ज्यादा कीमत है। 21 मार्च को डॉलर में मजबूती और निवेशकों की मुनाफवसूली से सोने में थोड़ी नरमी दिखी। यह 0.5 फीसदी की गिरावट के साथ 3,030 डॉलर प्रति औंस था। इंडिया में कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स में भी सोने में गिरावट देखने को मिली। गोल्ड फ्यूचर्स 456 रुपये यानी 0.51 फीसदी गिरकर 88,250 रुपये प्रति 10 ग्राम था।गोल्ड ने निवेशकों को किया है मालामालगोल्ड ने पिछले कई दशकों में निवेशकों को मालामाल किया है। गोल्ड के लंबी अवधि के रिटर्न को फाइनेंशियल प्लैनर और सेबी रजिस्टर्ड रिसर्च एनालिस्ट एके मंधन ने बहुत दिलचस्प तरीके से बताया है। इस बारे में उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया है। उन्होंने पोस्ट में लिखा है कि 1990 में एक किलोग्राम सोने की कीम त मारुति 800 के बराबर थी। साल 2000 में एक किलोग्राम सोने की वैल्यू मारुति एस्टीम की कीमत जितनी थी। 2005 में एक किलग्राम सोने में आप टोयोटा इनोवा खरीद सकते थे। 2010 में आप फॉर्च्यूनर और 2019 में आप एक किलो गोल्ड में बीएमडब्ल्यू एक्स1 खरीद सकते थे।2040 में एक किलो सोने से प्राइवेट जेट खरीद सकेंगेउन्होंने अपने पोस्ट में यह लिखा है कि एक किलोग्राम गोल्ड अपने पाख रखिए और 2040 का इंतजार कीजिए। मजाकियां अंदाज में उन्होंने लिखा है कि शायद तब आप इससे एक प्राइवेट जेट खरीद पाए। दरअसल, उनकी कोशिश पिछले तीन दशकों में गोल्ड के रिटर्न के बारे में बताने की है।सोने की कीमतों पर ग्लोबल इकोनॉमी का पड़ता है असरगोल्ड के साथ खास बात यह है कि इसकी कीमतें ग्लोबल होती हैं। इससे इसकी कीमत पर किसी एक देश की घटना का असर ज्यादा नहीं पड़ता। इस पर ग्लोबल इकोनॉमी और ग्लोबल फाइनेंशियल मार्केट्स का ज्यादा असर पड़ता है। इसलिए इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में गोल्ड शामिल करने की सलाह देते हैं। इसकी वजह यह है कि गोल्ड आपके पोर्टफोलियो की वैल्यू गिरने से बचाता है।