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₹10000 की मंथली SIP से बन सकते हैं ₹3.5 करोड़, फाइनेंशियल एक्सपर्ट ने युवाओं को सिखाया बचत का मंत्र – rs 10000 sip to rs 3 crore financial discipline tips

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News18 के Rising Bharat Summit 2025 में जब फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स ने बोलना शुरू किया, तो एक बड़ी अहम बात सामने आई। आज के बच्चे और युवा पैसे को लेकर अनट्रेंड हैं। वे तुरंत सबकुछ चाहते हैं, बिना सोचे समझे खर्च करते हैं और उन्हें जोखिम की समझ नहीं है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये हालत सिर्फ स्कूलों की वजह से नहीं, बल्कि माता-पिता और समाज की भी जिम्मेदारी है।स्कूलों को सिखानी चाहिए ‘अफॉर्डेबिलिटी’Value Research के फाउंडर धीरेंद्र कुमार ने कहा, ‘आज इंस्टेंट ग्रैटिफिकेशन नॉर्म बन चुका है। पहले एक स्कूटर पाने के लिए 8 साल का इंतजार होता था, फोन लाइन के लिए 9 साल। अब मन किया और सब मिल गया।’संबंधित खबरेंउन्होंने कहा कि आज लोग लाइफस्टाइल इंफ्लेशन को ग्रोथ का संकेत मानते हैं। यानी अगर खर्च बढ़ नहीं रहा, तो लोग सोचते हैं कि वे तरक्की नहीं कर रहे। साथ ही, ‘FOMO’ यानी ‘Fear of Missing Out’ ने मानसिक तनाव बढ़ा दिया है। बहुत लोग सिर्फ इसलिए उदास रहते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि वे दूसरों से पीछे हैं।धीरेंद्र कुमार ने साफ कहा, ‘फाइनेंशियल अनुशासन एक लाइफ स्किल है, जो स्कूलों में नहीं सिखाई जाती। स्कूल हमें एल्जेब्रा सिखाते हैं, लेकिन ये नहीं बताते कि कोई चीज हम अफॉर्ड कर सकते हैं या नहीं।’माता-पिता की भूमिका सबसे अहमCapital League में पार्टनर राजुल कोठारी ने कहा, ‘हमने अभाव में जिंदगी बिताई, लेकिन हमारे बच्चे सुविधा में पल रहे हैं। आज के बच्चों को यह सिखाना होगा कि खर्च करने से पहले दो बार सोचना जरूरी होता है। ये जिम्मेदारी स्कूलों से पहले माता-पिता की बनती है।’उन्होंने अपने बच्चों का उदाहरण देते हुए कहा, ‘मैंने अपने बच्चों के बैंक अकाउंट बहुत कम उम्र में खुलवाए। उन्हें डिपॉजिट करना, निवेश करना, पोर्टफोलियो बनाना और उसका ग्रोथ ट्रैक करना सिखाया।’उन्होंने यह भी कहा कि बजट बनाना बच्चों को मजेदार तरीके से सिखाया जाना चाहिए। यह कोई बोरिंग टॉपिक नहीं होना चाहिए।कर्ज में डूबती नौजवानों वाली पीढ़ीFinFix Research & Analytics की फाउंडर प्रबलीन बाजपेयी ने एक बहुत खतरनाक ट्रेंड की ओर ध्यान दिलाया। उन्होंने कहा, ‘आज के युवा कर्ज लेकर खर्च करने में बहुत सहज हो चुके हैं। शादी, छुट्टियां, गाड़ियां- सब कुछ पर्सनल लोन से फंड किया जा रहा है। एक व्यक्ति से बात हुई, जो अपनी शादी के लिए कर्ज में डूबा हुआ है।’प्रबलीन ने कहा, ‘ऐसे मौकों पर जब खर्च की रेंज हजारों से करोड़ों तक हो सकती है, तो बजट बनाना बेहद जरूरी है। प्लानिंग के बिना खर्च करना आपको बहुत नुकसान पहुंचा सकता है।’SIP से करोड़ों रुपये कैसे बनते हैं?प्रबलीन ने बताया कि अगर कोई शख्स 25 साल की उम्र से हर महीने ₹10,000 की SIP शुरू करता है और इसे 55 साल की उम्र तक जारी रखता है, तो वह ₹3.5 करोड़ तक बना सकता है। अगर हर साल 10% SIP बढ़ाई जाए, तो रिटर्न ₹8.7 करोड़ तक पहुंच सकता है।अब सोचिए, अगर कोई 45 साल की उम्र से शुरुआत करता है और 10 साल तक SIP करता है, तो वही ₹10,000 की SIP सिर्फ ₹23 लाख देगी। और अगर 50% स्टेप-अप भी किया जाए, तो ₹1.8 करोड़ ही बनते हैं। ₹3.5 करोड़ पाने के लिए उसे ₹1.60 लाख प्रति माह निवेश करना पड़ेगा। इसका मतलब है कि निवेश जितना जल्दी शुरू किया जाए, उतना ही अच्छा है।यह भी पढ़ें : Home Loan: अच्छे क्रेडिट स्कोर से होम लोन में होगी लाखों की बचत, समझिए पूरा कैलकुलेशन

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