Motilal Oswal Private Wealth भारतीय शेयरों पर बुलिश, हाइब्रिड और लार्ज कैप फंड्स में एकमुश्त निवेश का सुझाव – motilal oswal private wealth remains positive on equity suggests lumpsum investments in hybrid and large cap funds
अस्थिर इक्विटी बाजार के बीच फंड हाउस मोतीलाल ओसवाल प्राइवेट वेल्थ (MOPW) शॉर्ट और लॉन्ग टर्म दोनों में इक्विटी पर पॉजिटिव बना हुआ है। इसकी नई स्ट्रैटेजी रिपोर्ट में हाइब्रिड और लार्ज-कैप फंड्स में एकमुश्त निवेश का सुझाव दिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक अनिश्चितताओं, अमेरिकी टैरिफ, चीन के आर्थिक उपायों और मजबूत डॉलर जैसे विभिन्न फैक्टर्स के चलते फरवरी में भारतीय इक्विटी बाजार दबाव में रहे। लेकिन वैश्विक चुनौतियों के बावजूद, खपत बढ़ाने के उद्देश्य से किए गए सरकारी उपायों से भारत की अर्थव्यवस्था स्थिर बनी हुई है।रिपोर्ट में कहा गया है कि निवेशक को सतर्क और बैलेंस्ड अप्रोच अपनानी चाहिए। एक नोट में मोतीलाल ओसवाल वेल्थ लिमिटेड के एमडी और सीईओ आशीष शंकर ने कहा कि चल रहे करेक्शंस के चलते लार्ज-कैप की वैल्यूएशंस 1-ईयर फॉरवर्ड बेसिस पर 10-वर्ष के एवरेज से नीचे आ गई हैं। वहीं मिड और स्मॉल-कैप इंडेक्स अभी भी प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे हैं। कुछ अवसर भी उभर रहे हैं। उन्होंने कहा, “वर्तमान सिनेरियो के मूल्यांकन से पता चलता है कि जिन फैक्टर्स के चलते भारतीय इक्विटी में यह करेक्शन आया, वे या तो कम हो गए हैं या काफी हद तक खप चुके हैं।”रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि अपने रिस्क प्रोफाइल के आधार पर, उचित स्तर के इक्विटी एलोकेशन वाले निवेशक इनवेस्टेड रह सकते हैं। कहा गया है, “हाल के करेक्शंस को ध्यान में रखते हुए, यदि इक्विटी एलोकेशन वांछित स्तरों से कम है, तो निवेशक हाइब्रिड और लार्ज कैप फंड्स के लिए एकमुश्त इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजी लागू करके और फ्लेक्सी, मिड और स्मॉल कैप स्ट्रैटेजीज के लिए अगले 6 महीनों में एक चरणबद्ध अप्रोच के साथ एलोकेशन बढ़ा सकते हैं। मीनिंगफुल करेक्शन की स्थिति में निवेश बढ़ाया जा सकता है।”सेंसेक्स की टॉप 10 कंपनियों में से 9 का m-cap ₹3 लाख करोड़ बढ़ा, ICICI Bank को सबसे ज्यादा फायदागोल्ड पर ब्रोकरेज का क्या रुखFPI फ्लो पर रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी बॉन्ड पर हाई यील्ड, मजबूत डॉलर और US/भारत यील्ड्स में कम अंतर के कारण पिछले 6 महीनों में FPI का निवेश कम रहा है। सोने के लिए फंड हाउस शॉर्ट टर्म में न्यूट्रल और लॉन्ग टर्म में पॉजिटिव बना हुआ है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, गोल्ड ईटीएफ और फंड ऑफ फंड्स की सलाह दी गई है।रिपोर्ट में कहा गया है कि सोने की कीमत में उछाल ने ज्वैलरी की मांग को प्रभावित किया है, जबकि निवेश की दिलचस्पी मजबूत बनी हुई है। भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बीच केंद्रीय बैंकों की खरीदारी से सोने की कीमतें बढ़ती जा रही हैं। हालांकि, यह भी कहा गया है कि सोने में निवेश बड़े पैमाने पर डायवर्सिफिकेशन के नजरिए से बढ़ाया जाना चाहिए।Disclaimer: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए सलाह या विचार एक्सपर्ट/ब्रोकरेज फर्म के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। यूजर्स को मनीकंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले हमेशा सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।