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म्यूचुअल फंड निवेशकों का करीबी फ्रेंड बनेगा ‘MITRA’, जानिए इसके फायदें – mitra will become a friend of mutual fund investors know what will be its benefits

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कई इनवेस्टर्स कुछ सालों बाद म्यूचुअल फंड्स में अपने निवेश का ट्रैक नहीं रख पाते हैं। यह प्रॉब्लम खासकर ऐसे इनवेस्टर्स के साथ होती है, जिन्होंने केवायसी में अपने बारे में कम जानकारी दी हुई होती है और फिजिकल फॉर्म में निवेश किया होता है। ऐसा इनवेस्टमेंट डॉरमेंट हो जाता है, क्योंकि इनवेस्टर्स उनके बारे में अपने परिवार के सदस्यों को बताना भूल जाते हैं। इस निवेश के साथ फ्रॉड होने की आशंका बढ़ जाती है।म्यूचुअल फंड की किसी ओपन-एंडेड ग्रोथ स्कीम में निवेश तब तक बना रहता है जब तक इनवेस्टर, नॉमिनी या कानूनी उत्तराधिकारी संबंधित एएमसी के पास जाकर रिडेम्प्शन, ट्रांसफर या ट्रांसमिशन नहीं कराता है। PAN, ईमेल आईडी या वैलिड एड्रेस नहीं होने से ये फोलियो यूनिटहोल्डर्स के कंसॉलिडेटेड अकाउंट स्टेटमेंट में नहीं दिखते हैं। इनवेस्टर के अपने इनवेस्टमेंट का ट्रैक नहीं रखने या उसकी मौत की वजह से म्यूचुअल फंड फोलियो में एक्टिविटी नहीं होती है। ऐसे इनएक्टिव फोलियो के गलत रिडेम्प्शन की आशंका बढ़ जाती है।ऐसे इनवेस्टर्स के लिए अच्छी खबर है। सेबी ने 12 फरवरी, 2025 को म्यूचुअल फंड इनवेस्टमेंट ट्रेसिंग एंड रिट्राइवल असिस्टेंट (MITRA) पेश किया है। यह ऐसा प्लेटफॉर्म है, जिसे इनएक्टिव और अनक्लेम्ड म्यूचुअल फंड फोलियो का पता लगाने के लिए बनाया गया है। फ्रॉड होने से रोकने के लिए यह प्लेटफॉर्म प्रति यूजर मैक्सिमम 25 सर्च की इजाजत देता है।संबंधित खबरेंMITRA की मुख्य बातेंमित्रा निम्नलिखित कामों में इनवेस्टर की मदद करता है:-##आइंडेंटिफिकेशन ऑफ अनक्लेम्ड इनवेस्टमेंट्स##-इनवेस्टर्स को उस निवेश का पता लगाने की सुविधा मिलती है जिसे वह भूल गया होता है या जो निवेश उसके लिए किसी दूसरे ने किया होता है।-##केवायसी कंप्लायंस के लिए प्रोत्साहन##-केवायसी डिटेल को अपडेट करने को प्रोत्साहित करता है, इससे नॉन-कंप्लायंस फोलियो की संख्या में कमी आती है।-##अनक्लेम्ड फोलियो में कमी##-यह अनक्लेम्ड म्यूचुअल फंड फोलियो में कमी लाने में मदद करता है।-##ज्यादा ट्रांसपेरेंसी##-इससे फाइनेंशियल सिस्टम में ट्रांसपेरेंसी बढ़ाने में मदद मिलती है।-##फ्रॉड से जुड़े रिस्क में कमी##- रिडेम्प्शन को फ्रॉड से सुरक्षित करने में मदद।##इनएक्टिव फोलियो की परिभाषा##इनएक्टिव फोलियो का मतलब ऐसे म्यूचुअल फंड अकाउंट से है, जिसमें पिछले 10 साल में इनवेस्टर की तरफ से किसी तरह का ट्रांजेक्शन (फाइनेंशियल या नॉन-फाइनेंशियल) नहीं किया गया है, लेकिन उसमें यूनिट्स मौजूद हैं##प्लेटफॉर्म होस्टिंग एंड साइबर सिक्योरिटी##मित्रा प्लेटफॉर्म का प्रबंधन कंप्यूटर एज मैनेजमेंट सर्विसेज (CAMS) और KFIN Technologies की तरफ से संयुक्त रूप से किया जाएगा। ये एसेट मैनेजमेंट कंपनियों की एजेंट के रूप में काम करेंगी। इस प्लेटफॉर्म को एमएफ सेंट्रल, एएमसी, एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI), दो क्वालिफायड आरटीए(QRTAs) और सेबी की वेबसाइट पर उपलब्ध लिंक के जरिए एक्सेस किया जा सकता है। इनवेस्ट के डेटा की सुरक्षा के लिए स्ट्रॉन्ग साइबर सिक्योरिटी के उपाय लागू किए जाएंगे।सेबी ने मित्रा के लिए जागरूकता फैलाने की कोशिश शुरू की है। उसने एएमसी, क्यूआरटीए, आरआईए, एंफी और म्यूचुअस फंड डिस्ट्रिब्यूटर्स को निवेशकों को मित्रा के बारे में बताने को कहा है। अभी इस प्लेटफॉर्म की टेस्टिंग चल रही है।सेबी का यह कदम निवेशकों के हित में बड़ा कदम है। इससे म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में ट्रांसपेरेंसी और निवेश में सुरक्षा बढ़ेगी। इंडिया में अलग-अलग एसेट्स क्लास में अनक्लेम्ड वेल्थ 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है। इससे पहले सरकार ने UDGAM लॉन्च किया था, जो अनक्लेम्ड डिपॉजिट पर दावा करने का सेंट्रलाइज्ड वेब पोर्टल है।मैंने अपनी किताब #नेविगेट फाइनेंशियल वेलनेस# में एक फाइनेंशियल इंफॉर्मेशन डैशबोर्ड बनाने की जरूरत के बारे में बताया है। इससे निवेश से संबंधित अहम जानकारियां परिवार के सदस्यों तक पहुंचाई जा सकती हैं। इससे न सिर्फ निवेशकों का अपने निवेश पर पूरा कंट्रोल रहेगा बल्कि उन्हें सक्सेशन प्लानिंग में भी आसानी होगी।(लेखक चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। वह पर्सनल फाइनेंस खासकर इनकम टैक्स से जुड़े मामलों के एक्सपर्ट हैं)

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