Nifty IT: 2 हफ्ते में शुरू होगा नतीजों का सिलसिला, बाजार कर रहा आईटी कंपनियों से बायबैक की उम्मीद? – nifty it the series of results will start in 2 weeks is the market expecting buyback from it companies
बाजार की नजर IT कंपनियों के नतीजों पर है। कंपनियों के कैश पोजीशन को देखते हुए बाजार बायबैक की उम्मीद कर रहा है। ग्लोबल अनिश्चिचितताओं के बीच आईटी पैक में हमें मेजर डेन्थ आता हुआ दिखाई दिया है। आनेवाले 2 हफ्ते में आईटी कंपनियों के नतीजे आने शुरू हो जाएंगे। टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो जैसे आईटी कंपनियों के कैश पोजीशन में तिमाही आधार पर बढ़ोतरी दिखाई दे रही है।क्या बायबैक करेंगी IT कंपनियां?ध्यान देने वाली बात यह है कि पिछले 2 सालों से टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो इन तीनों ही कंपनियों ने कोई बायबैक का ऐलान नहीं किया है। IT में ग्रोथ की चुनौतियां दिख रही हैं। चुनौतियों के बीच बाजार बायबैक और डिविडेंड पर फोकस कर रहा है। क्योंकि ये आईटी इंडस्ट्रीज के लिए अच्छा खासा हेडवेन है। बायबैक और डिविडेंड से शेयर प्राइस को सपोर्ट संभव है। इसके साथ ही साथ हो सकता है कि शॉर्ट से मीडियम टर्म इन्वेस्टर्स को एक रिलीफ भी प्रोवाइड करें।संबंधित खबरेंपिछली बार कब आया बायबैक?अगर बायबैक की तस्वीर पर नजर डालें तो टीसीएस ने अक्टूबर 2023 में 17,000 करोड़ रुपये का बायबैक किया था । वहीं इंफोसिस ने अक्टूबर 2022 में 9,300 करोड़ रुपये का बायबैक ऐलान किया था। जबकि विप्रो ने अप्रैल 2023 में 12000 करोड़ रुपये का बायबैक किया था।टीसीएस के कैश फ्लो को देखा जाए तो वह भी क्वाटर्ली बढ़ता नजर आ रहा है। टीसीएस का अनुमानित बुक में कैश 45,000 करोड़ रुपये का है जबकि हर तिमाही में FCF 10,300 करोड़ रुपये है।वहीं INFOSYS का बुक में कैश 50,000 करोड़ रुपये का है जबकि हर तिमाही में FCF 10,650 करोड़ रुपये है। इसी तरह WIPRO का कैश बुक 45,000 करोड़ रुपये का है जबकि हर तिमाही में FCF 4,652 करोड़ रुपये है।कंपनियों क्यों करती है बायबैककंपनियां बायबैक, बाजार में उपलब्ध शेयरों की संख्या को घटाने और बचे हुए शेयरों के वैल्यू को बढ़ाने के लिए करती है। कंपनी ऐसी स्थिति में भी बायबैक करती है, जब कंपनी को यह महसूस हो की उसके शेयर अंडरवैल्यू हैं।आपको बता दें कि कंपनियां दो तरीकों से अपने शेयर को बायबैक करती हैं। पहला टेंडर ऑफर और दूसरा ओपन मार्केट ऑफर।बायबैक से कंपनी के शेयरधारकों को यह पता चलता है कि कंपनी के पास आपात स्थितियों के लिए पर्याप्त नकदी बची हुई है। बायबैक से बाज़ार में बकाया शेयरों की संख्या कम होती है। बायबैक से निवेशकों के स्वामित्व वाले शेयरों का अनुपात बढ़ जाता है। बायबैक से कंपनी खुद में निवेश कर सकती है। बायबैक से बचे हुए शेयरों की कीमत बढ़ सकती है।Nivesh Ka Rashifal: 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा अप्रैल,चिराग दारूवाला से जाने किन सेक्टरों में होगी कमाई(डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सार्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।