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अब हाजमोला कैंडी पर GST को लेकर छिड़ी रार, Dabur और DGGI आए आमने सामने – dabur india popular hajmola candy is under investigation by the dggi over gst classification

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गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) को लागू हुए लगभग 8 साल हो गए हैं। लेकिन अभी तक कई चीजों की कैटेगरी या क्लासिफिकेशन को लेकर कनफ्यूजन बरकरार है। इस मामले में कई मुकदमे भी जारी हैं। ताजा मामला डाबर इंडिया की हाजमोला कैंडी को लेकर है। जी हां, यह पॉपुलर कैंडी भी GST क्लासिफिकेशन के भंवर में फंस गई है। कैंडी के क्लासिफिकेशन को लेकर डायरेक्टरेट जनरल ऑफ GST इंटेलिजेंस (DGGI) की जांच चल रही है।सीएनबीसी टीवी18 की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि डाबर इंडिया और DGGI हाजमोला कैंडी को लेकर आमनेसामने आ गए हैं। जांच का नेतृत्व DGGI की कोयंबटूर जोन कर रही है। जांच इस बात को लेकर है कि क्या हाजमोला कैंडी पर आयुर्वेदिक दवा के रूप में 12 प्रतिशत GST लगना चाहिए या फिर इसे कैंडी के तौर पर 18 प्रतिशत की दर के तहत होना चाहिए। एक सूत्र ने कहा, “डाबर ने दावा किया है कि हाजमोला कैंडी एक आयुर्वेदिक दवा है, न कि चीनी में डूबी एक रेगुलर कैंडी।”पहले भी हाजमोला कैंडी को लेकर चला था केससंबंधित खबरेंबता दें कि डाबर ने GST से पहले के दौर में भी ​हाजमोला कैंडी के मामले में एक ऐसे ही क्लासिफकेशन चैलेंज का सामना किया था। उस वक्त सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया था, जिसमें कहा गया था कि हाजमोला कैंडी एक आयुर्वेदिक दवा है, न कि एक कन्फेक्शनरी आइटम। अब देखना यह है कि क्या सरकार हाजमोला कैंडी के क्लासिफिकेशन को बदल कर इसे 18% जीएसटी के दायरे में लाएगी या फिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को बरकरार रखेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि क्लासिफकेशन पर स्पष्टता के लिए आखिर में जीएसटी परिषद की ओर देखा जाएगा।Google से सैकड़ों एंप्लॉयीज की छुट्टी, इन्हें लगा तगड़ा शॉकडाबर पहले से ही एक टैक्स डिमांड का सामना कर रही है। 1 अप्रैल को कंपनी ने शेयर बाजारों को बताया था कि इसे वित्त वर्ष 2017-18 के लिए 110.33 करोड़ रुपये की मांग करने वाला इनकम टैक्स ​रीअसेसमेंट ऑर्डर मिला है। आयकर विभाग ने कंपनी पर इन-हाउस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) से जुड़े टैक्स डिडक्शंस के लिए गलत क्लेम का आरोप लगाया है। डाबर ने इस टैक्स डिमांड को चुनौती देने की योजना बनाई है।Dabur India शेयर लाल निशान में बंदडाबर इंडिया का शेयर 11 अप्रैल को बीएसई पर लगभग 1 प्रतिशत की गिरावट के साथ 461.3 रुपये पर बंद हुआ। कंपनी का मार्केट कैप 81,700 करोड़ रुपये है। शेयर पिछले 2 सप्ताह में 9 प्रतिशत नीचे आया है। कंपनी में दिसंबर 2024 के आखिर तक प्रमोटर्स के पास 66.26 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।

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