Personal Loan Vs Top-Up Loan: अचानक पैसे की जरूरत पड़ने पर नए पर्सनल लोन और टॉप-अप लोन में से कौन बेहतर? – personal loan vs top-up loan should you take personal loan or top up loan when you need money all of a sudden
कई बार हमें अचानक पैसे की जरूरत पड़ने पर पर्सनल लोन का विकल्प नजर आता है। लेकिन, मुश्किल तब होती है जब पहले सा कोई पर्सनल चल रहा होता है। ऐसे में आप नए पर्सनल लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं। दूसरा विकल्प यह है कि आप पहले से चल रहे पर्सनल लोन पर टॉप-अप लोन ले सकते हैं। इन दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं। आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।टॉप-अप लोन का मतलबTop-Up लोन का मतलब ऐसे लोन से है, जो आपके पहले के Personal Loan पर बैंक या एनबीएफसी आपको ऑफर करती है। आम और पर बैंक या एनबीएफसी सिर्फ अच्छे क्रेडिट स्कोर वाले ग्राहकों को टॉप-अप लोन ऑफर करते हैं। चूंकि, यह लोन आपके पहले से चल रहे लोन पर मिलता है तो बैंक या एनबीएफसी के पास आपकी पूरी डिटेल उपलब्ध होती है। इससे टॉप-अप लोन के एप्रूवल में ज्यादा समय नहीं लगता है। इसकी दूसरी खासियत है कि इसका इंटरेस्ट रेट नए पर्सनल लोन के मुकाबले कम होता है।नए पर्सनल लोन की शर्तेंअगर आप नया पर्सनल लोन लेना चाहते है तो आपको इसके लिए नए सिरे से अप्लाई करना होगा। आप किसी बैंक या एनबीएफसी के पास पर्सनल लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं। इसमें बैंक या एनबीएफसी आपकी एलिजिबिलिटी देखते हैं। आपकी क्रेडिट स्कोर अच्छा होने पर वे आपका अप्लिकेशन एप्रूव कर देते हैं। नए पर्सनल लोन पर आपको प्रोसेसिंग चार्ज चुकाना होगा। इसका इंटरेस्ट भी ज्यादा होता है। इससे यह लोन काफी महंगा हो जाता है।आपको क्या करना चाहिए?एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आप पहले से लिए गए अपने पर्सनल लोन की EMI समय पर चुका रहे हैं तो टॉप-अप लोन आपके लिए कम महंगा पड़ेगा। इसलिए नए पर्सनल लोन लेने से पहले आपको उस बैंक से टॉप-अप लोन के बारे में बातचीत करना चाहिए, जिससे आपने पर्सनल लोन लिया है। अगर बैंक आपको टॉप-अप लोन देने को तैयार हो जाता है तो यह देखन होगा कि वह जितना अमाउंट का टॉप-अप लोन ऑफर कर रहा है, उससे आपकी जरूरत पूरी होगी या नहीं। अगर इससे आपकी जरूरत पूरी नहीं होती है तो फिर आपके पास नया पर्सनल लोन लेने के अलावा दूसरा विकल्प नहीं है।आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ सकता है असरएक्सपर्ट्स का कहना है कि नया पर्सनल लोन या टॉप-अप लोन आपको तभी लेना चाहिए, जब आपके पास दूसरा कोई विकल्प उपलब्ध नहीं हो। इसकी वजह यह है कि ज्यादा पर्सनल लोन या टॉप लोन का असर आपके क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है। यह माना जाता है कि आपकी इनकम और लायबिलिटी के बीच फर्क है। इससे वजह से आप बार-बार पर्सनल लोन लेने को मजबूर होते है। हालांकि, लोन का रिपेमेंट समय पर कर देने से आपका क्रेडिट स्कोर इम्प्रूव हो जाता है।