RBI MPC: 7 अप्रैल से होगी मीटिंग, क्या इस बार भी ब्याज दरों में मिलेगी राहत? – rbi mpc meeting april 2025 interest rate cut expectetions
RBI MPC meeting april 2025: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) इस वित्त वर्ष की पहली बैठक सोमवार (7 अप्रैल) से शुरू करेगी। बीते कुछ महीनों में महंगाई के आंकड़े काफी नरम पड़े हैं, ऐसे में आम लोगों से लेकर कारोबारी जगत तक सभी की नजरें इस पर टिकी हैं कि क्या ब्याज दरों में कटौती होगी?रेट कट की उम्मीदें जिंदा हैंआर्थिक अनिश्चतता के बावजूद रॉयटर्स के एक हालिया पोल में ज्यादातर अर्थशास्त्रियों ने उम्मीद जताई है कि इस बार RBI रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती कर सकता है। फरवरी में भी समिति ने पांच साल में पहली बार ब्याज दर घटाई थी। इससे रेपो रेट 6.5% से घटकर 6.25% आ गया था।संबंधित खबरेंरेपो रेट वह दर होती है, जिस पर RBI बैंकों को कर्ज देता है। इसका मतलब है कि यह फैसला सीधे तौर पर आपकी EMI, लोन और सेविंग्स पर असर डालता है।नई सोच लाएंगी डिप्टी गवर्नर पूनम गुप्ता?इस बार की बैठक कई मायनों में खास है, क्योंकि इसमें RBI की नई डिप्टी गवर्नर पूनम गुप्ता भी हिस्सा ले सकती हैं। वर्ल्ड बैंक और IMF में करीब दो दशक तक काम कर चुकीं गुप्ता ‘प्रो-ग्रोथ’ सोच वाली अर्थशास्त्री मानी जाती हैं।उन्होंने फरवरी के बाद एक लेख में लिखा था, “6.5% की दर इस समय भारत जैसे धीमी गति से बढ़ रही अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ऊंची है।” उनकी मौजूदगी और नई गवर्नर संजय मल्होत्रा का अब तक का लचीला रुख यह संकेत दे रहा है कि पॉलिसी अब पहले से ज्यादा विकास-केंद्रित हो सकती है।क्या आगे भी ब्याज दरों में कटौती होगी?अगर हम कैलेंडर देखें, तो इस साल RBI की बाकी पांच बैठकें जून, अगस्त, अक्टूबर, दिसंबर और फरवरी में होनी है। इसमें ब्याज दरों में कटौती होगी या नहीं, यह फैसला वैश्विक परिस्थितियों, डॉलर की चाल, तेल की कीमतों और घरेलू मांग पर भी निर्भर करेगा।फरवरी की बैठक में रेपो रेट में कटौती के साथ-साथ CRR (नकद आरक्षित अनुपात) में भी 50 बेसिस पॉइंट की कमी की गई थी, जिससे बैंकिंग सिस्टम में अधिक लिक्विडिटी लाई जा सके। आरबीआई से इस तरह की राहत की उम्मीद भी रहेगी।विकास बनाम महंगाई की जंगRBI ने इस साल के लिए GDP ग्रोथ 7.2% अनुमानित की है। वहीं, आर्थिक सर्वेक्षण और NSO का अनुमान 6.4% के करीब है इसका मतलब है कि केंद्रीय बैंक के सामने चुनौती यह है कि वह महंगाई को काबू में रखते हुए ग्रोथ को भी रफ्तार दे।इस बैलेंस को कैसे साधा जाएगा, इसका पहला संकेत सोमवार से शुरू हो रही आरबीआई MPC मीटिंग से मिल सकता है।यह भी पढ़ें : Gold Price में क्यों आई बड़ी गिरावट, किस वजह से सोना बेच रहे लोग?