घाटा में शेयर बेचना भी फायदेमंद, FY25 के आखिरी महीने में रहें अलर्ट, इन कसरतों से हल्की करें टैक्स देनदारी – how to save tax selling shares in loss also beneficial be alert in last month of fy25 reduce your tax liability with these exercises
इस वित्त वर्ष 2024-25 का आखिरी महीना चल रहा है। ऐसे में इस वित्त वर्ष के लिए अपनी वित्तीय योजनाओं को रूप देने के लिए यह आखिरी मौका है। जैसे कि अगर आपने पुराना टैक्स रिजीम चुना है तो इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शंस का फायदा उठाने के लिए 31 मार्च तक अपनी स्ट्रैटेजी पर काम कर लें। हालांकि सिर्फ यही काफी नहीं है क्योंकि टैक्स बचाने के साथ-साथ लॉक-इन का भी ध्यान रखना होता है क्योंकि टैक्स बचाने वाली अधिकतर योजनाएं लॉक-इन के साथ होती हैं। इसके अलावा कभी-कभी घाटे वाले स्टॉक्स को भी बेचना फायदेमंद हो सकता है लेकिन स्ट्रैटेजी के साथ। यहां ऐसे ही कुछ तरीकों और अलर्ट के बारे में बताया जा रहा है, जिस पर इस महीने पूरी तरह मुस्तैदी से काम करना है।31 मार्च का न करें इंतजारवित्त वर्ष के आखिरी महीने में आखिरी तारीख का इंतजार करने की बजाय अभी से ही तैयारी कर लें। अपने वित्तीय लक्ष्यों के हिसाब से अधिक से अधिक टैक्स बेनेफिट्स हासिल करने के लिए पीपीएफ, एनपीएस, सुकन्या समृद्धि योजना, ईपीएफ, लाइफ इंश्योरेंस और ईएलएसएस इत्यादि में निवेश की स्ट्रैटेजी तैयार कर लें। इस बात पर ध्यान दें कि सिर्फ 31 मार्च के चलते अपने बजट को ध्यान में ही रखकर इंश्योरेंस पॉलिसी लें क्योंकि यह लंबे समय की योजना होती है।संबंधित खबरेंघाटे वाले शेयरों को बेचकर उठा सकते हैं फायदाटैक्स हारवेस्टिंग का फायदा उठाकर अपनी टैक्स टेनदारी को कम कर सकते हैं। टैक्स हारवेस्टिंग का मतलब है, घाटे वाले निवेश को बेचकर इसे घाटे को मुनाफे से एडजस्ट कर देना। कैपिटल गेन्स टैक्स से जुड़े नियमों के मुताबिक शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन यानी एक साल से कम की होल्डिंग से मुनाफे पर 20 फीसदी और 1.25 लाख रुपये से अधिक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन यानी एक साल के अधिक की होल्डिंग से हुए मुनाफे पर 12.5 फीसदी की दर से टैक्स लगता है। अब मान लेते हैं कि आपको कैपिटल गेन हुआ है तो कुछ होल्डिंग में घाटा हुआ तो अगर आपको लगता है कि होल्डिंग वाले स्टॉक्स दमदार हैं तो उसे अभी घाटे में बेचकर अगले दिन फिर खरीद लें, इससे आपके पास होल्डिंग में वह स्टॉक्स फिर आ जाएंगे और घाटा दूसरे स्टॉक्स के मुनाफा से एडजस्ट होकर टैक्स देनदारी कम कर देगा। ध्यान दें कि लॉन्ग टर्म कैपिटल लॉस सिर्फ लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन से ही एडजस्ट हो सकता है जबकि शॉर्ट टर्म लॉस को शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म दोनों घाटे से एडजस्ट हो सकता है।सैलरीड एंप्लॉयीज को भी देना होता है एडवांस टैक्सआमतौर पर यह धारणा है कि सैलरीड पर्सन्स को एडवांस टैक्स नहीं देना होता है। हालांकि ऐसा नहीं है। अगर ब्याज, किराए या कैपिटल गेन से आय हो रही है तो एडवांस टैक्स देना पड़ सकता है। अगर वित्त वर्ष में टैक्स देनदारी 10 हजार रुपये से अधिक बन रही है तो आईटी एक्ट के सेक्शन 208 के तहत एडवांस टैक्स देना पड़ता है। इसे हर तिमाही देना होता है यानी कि एक वित्त वर्ष में चार बार। इस बार यानी वित्त वर्ष 2025 की चौथी किस्त का एडवांस टैक्स 15 मार्च तक जमा करना है। इससे चूके तो 1 फीसदी प्रति महीने की दर से जुर्माना लगता है।बिना प्रीमियम दिए इंश्योरेंस प्लान खरीदने की सुविधाबीमा नियामक संस्था इरडा ने सभी बीमा कंपनियों को 1 मार्च से यूपीआई से जुड़ा Bima – ASBA (बीमा एप्लीकेशंस सपोर्टेड बाय ब्लॉक्ड अमाउंट) फैसिलिटी देना अनिवार्य कर दिया है। इसका फायदा ये है कि बिना खाते से पैसे कटे इंश्योरेंस कवर ले सकते हैं और जब तक बीमा कंपनी पॉलिसीहोल्डर्स के स्वास्थ्य, आय और अन्य मानकों की जांच नहीं कर लेती है, पैसा पॉलिसीहोल्डर्स के खाते में ही रहेगा। आईपीओ को लेकर यह सुविधा पहले से ही है और इसका फायदा ये होगा कि जब तक बीमा कंपनियां पैसा नहीं काटती हैं, खाते में पैसा रहने के चलते ब्याज मिलता रहेगा।Where to invest now: स्टॉक मार्केट की गिरावट से हैं परेशान! ‘वर्क फ्रॉम ऑफिस’ के लौटते कल्चर से यहां बनेगा पैसा