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SIP की ABCD: नए निवेशक भी आसानी से लगा सकते हैं पैसा, बस इन 6 बातों का रखें ध्यान – how to start sip in mutual fund and key points to remember

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Mutual Fund SIP: शेयर बाजार में अस्थिरता हो या स्थिरता, Systematic Investment Plan (SIP) हमेशा पैसे बनाने का कारगर तरीका माना गया है। लेकिन, कई निवेशक उलझन में रहते हैं कि आखिर SIP की शुरुआत कैसे करें कि वह सही भी हो और असरदार भी? आइए जानते हैं SIP शुरू करने का प्रैक्टिकल और प्रोफेशनल तरीका, जिसे हर कोई अपना सकता है।सबसे पहले तय करें निवेश का लक्ष्य?SIP शुरू करने का पहला और सबसे अहम कदम है- निवेश का मकसद तय करना। यह मकसद कुछ भी हो सकता है। जैसे कि रिटायरमेंट फंड, बच्चों की पढ़ाई, घर खरीदना या सिर्फ पूंजी निर्माण। एक बार लक्ष्य तय हो जाए, तो उसकी अवधि और रकम भी तय करना आसान हो जाता है।संबंधित खबरेंरिस्क प्रोफाइल को समझेंहर निवेशक की जोखिम सहने की क्षमता अलग होती है। इसी आधार पर फंड का चयन होता है। आइए जानते हैं कि किस निवेशक को कैसा फंड चुनना चाहिए: कम जोखिम वाले निवेशकों के लिए डेब्ट या हाइब्रिड फंड। मध्यम जोखिम वाले निवेशकों के लिए फ्लेक्सी कैप या लार्ज कैप फंड। उच्च जोखिम पसंद करने वालों के लिए स्मॉल कैप या मिड कैप फंड। नए निवेशकों के लिए फ्लेक्सी कैप फंड एक संतुलित विकल्प है, क्योंकि यह बाजार के अनुसार खुद को समायोजित करता है।सही SIP अमाउंट और प्लेटफॉर्म कैसे चुनें?SIP ₹500 जैसी छोटी रकम से भी शुरू की जा सकती है, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि निवेशक की आय और खर्च कितने हैं। निवेशक SIP को हर साल बढ़ा भी सकते हैं, जिसे Step-up SIP कहा जाता है।अगर प्लेटफॉर्म की बात करें, तो आज कई भरोसेमेंद डिजिटल माध्यम उपलब्ध हैं। जैसे कि Zerodha Coin, Groww, Paytm Money या सीधे Mutual Fund हाउस की वेबसाइट। इनमें “Direct Plan” कम खर्चीला होता है और रिटर्न बेहतर मिलते हैं।KYC और बैंक ऑटो-डेबिटSIP शुरू करने से पहले PAN, Aadhaar और बैंक डिटेल्स के साथ KYC प्रक्रिया पूरी करनी होती है। इसके बाद निवेशक को e-Mandate के जरिए ऑटो-डेबिट की अनुमति देनी होती है। इससे हर महीने SIP की तय रकम आपके अकाउंट से अपने आप कट जाती।SIP करते समय किन बातों का रखें ध्यान? SIP का असली फायदा तब मिलता है, जब आप कम से कम 5-10 साल के लिए निवेश करते हैं। इससे कंपाउंडिंग और मार्केट के उतार-चढ़ाव दोनों का लाभ मिलता है। हर साल अपनी SIP की रकम का रिव्यू करें। अगर SIP से अच्छा रिटर्न मिल रहा है, तो SIP को टॉप-अप करें ताकि रिटर्न भी बढ़ सके। शेयर बाजार गिरने पर घबराकर SIP बंद न करें। इस समय ज्यादा यूनिट्स मिलती हैं जो लंबे समय में अच्छे रिटर्न देती हैं। SIP शुरू करने से पहले 3-6 महीने का इमरजेंसी फंड तैयार रखें, ताकि जरूरत पड़ने पर आपको निवेश तोड़ना न पड़े। SIP शुरू करने से पहले फंड का 5-10 साल का प्रदर्शन, फंड मैनेजर की स्थिरता और क्रेडिट रेटिंग जरूर देखें। SIP में निवेश करते समय Equity और Debt फंड्स की टैक्सेबल लिमिट और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन की जानकारी जरूर रखें, ताकि टैक्स प्लानिंग आसान हो। लॉन्ग टर्म नजरिए के साथ SIP पर रखें नजरSIP एक लॉन्ग टर्म निवेश माध्यम है। इसलिए हर छोटी गिरावट पर प्रतिक्रिया देना ठीक नहीं। हर 6 से 12 महीने में फंड की परफॉर्मेंस की समीक्षा जरूर करें, लेकिन घबराकर SIP बंद न करें। याद रखें, कंपाउंडिंग का असली असर समय के साथ ही दिखता है।हालांकि, अगर एक या दो साल तक अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहा, या सेंसेक्स और निफ्टी के मुकाबले लगातार कम रिटर्न दे रहा है, तो उसकी समीक्षा करें। आप किसी फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह लेकर फंड हाउस बदलने पर भी विचार कर सकते हैं।यह भी पढ़ें : ITR Filing 2025: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए नहीं पड़ेगी CA की जरूरत, यहां जानिए पूरा प्रोसेसडिस्क्लेमर: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।

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