स्मार्टफोन बने भारत की टॉप एक्सपोर्ट कमोडिटी, FY25 में निर्यात ने छुई ₹2 लाख करोड़ की रिकॉर्ड ऊंचाई – india mobile phone exports touched rs 2 lakh crore mark in fy25 smartphones have emerged as countrys largest export commodity
भारत का मोबाइल फोन का एक्सपोर्ट रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। वित्त वर्ष 2024-25 में भारत से 2,00,000 करोड़ रुपये के मोबाइल फोन एक्सपोर्ट हुए। यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2023-24 में दर्ज 1,29,000 करोड़ रुपये के एक्सपोर्ट से 55 प्रतिशत ज्यादा है। यह बात इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) की ओर से जारी डेटा से सामने आई है। स्मार्टफोन भारत की सबसे बड़ी एक्सपोर्ट कमोडिटी के रूप में उभरे हैं। इसने पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स और हीरे जैसे ट्रेडिशनल लीडर्स को पीछे छोड़ दिया है। ICEA ने इसे भारत सरकार की प्रमुख मेक इन इंडिया पहल के तहत एक बड़ी उपलब्धि बताया है।स्मार्टफोन एक्सपोर्ट में तेज ग्रोथ का श्रेय मुख्य रूप से उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) स्कीम को जाता है। इसने भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को बढ़ाने में एक परिवर्तनकारी भूमिका निभाई है। इस स्कीम ने न केवल पर्याप्त विदेशी निवेश आकर्षित किया है, बल्कि भारत को ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स वैल्यू चेन में एक प्रमुख खिलाड़ी बनने में भी सक्षम बनाया है।वित्त वर्ष 2025 में मोबाइल फोन उत्पादनसंबंधित खबरेंएप्पल और सैमसंग ने पिछले साल भारत में अपने मैन्युफैक्चरिंग ऑपरेशंस में काफी विस्तार किया। नतीजतन, भारत का कुल मोबाइल फोन उत्पादन वित्त वर्ष 2025 में अनुमानित 5,25,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह वित्त वर्ष 2024 में 4,22,000 करोड़ रुपये था। ICEA के चेयरमैन पंकज मोहिंद्रू का कहना है, “स्मार्टफोन एक्सपोर्ट में 2 लाख करोड़ रुपये को पार करना एक रणनीतिक मोड़ है। स्मार्टफोन का भारत की टॉप एक्सपोर्ट कमोडिटी बनना हमारे इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र की बढ़ती ताकत, मैच्योरिटी और ग्लोबल इंटीग्रेशन को दर्शाता है। PLI स्कीम इस बदलाव का केंद्र रही है।”Industrial Production: फरवरी में औद्योगिक उत्पादन ने किया निराश, ग्रोथ सुस्त पड़कर 6 महीने के लो परICEA ने कॉस्ट कॉम्पिटीटिवनेस, इंफ्रास्ट्रक्चर, लॉजिस्टिक्स और टैरिफ से जुड़ी चल रही चुनौतियों का भी जिक्र किया। मोहिंद्रू ने कहा, “हमारी प्राथमिकता अपने स्केल को बढ़ाना, निर्यात की अगुवाई वाली ग्रोथ को बढ़ावा देना और ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक्स वैल्यू चेन में लॉन्ग टर्म नेतृत्व को सपोर्ट करने के लिए एक मजबूत कंपोनेंट इकोसिस्टम बनाना है।”