NPS में सब्सक्राइबर्स शेयरों में 100 फीसदी निवेश कर सकेंगे, 1 अक्टूबर को शुरू हो रही स्कीम – nps subscribers will be allowed to contribute 100 percent in equity scheme will start on 1st of october
अगर आप नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) में इनवेस्ट करने का प्लान बना रहे हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। 1 अक्टूबर को पेंशन फंड का मैनेजमेंट करने वाली कंपनियां सब्सक्राइबर्स के लिए ऐसा प्लान शुरू करने जा रही है, जिसमें इक्विटी में 100 फीसदी निवेश की इजाजत होगी। सरकारी एंप्लॉयीज को छोड़ दूसरे सभी इननवेस्टर्स इस प्लान में निवेश कर सकेंगे। पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) ने इस नई स्कीन का ऐलान कर दिया है। इसका नाम ‘मल्टीपल स्कीम फ्रेमवर्क’ (एमएसएफ) है।सब्सक्राइबर्स के लिए जरूरत के मुताबिक स्कीम उपलब्ध होगीयह स्कीम NPS के सब्सक्राइबर्स को उनकी जरूरत के मुताबिक रिटायरमेंट सॉल्यूशंस ऑफर करेगी। इस बारे में PFRDA ने एक सर्कुलर जारी किया है। इसमें कहा गया है, “MSF को एक नए आर्किटेक्टर के तहत बनाया गया है, जिसमें सभी सेंट्रल रिकॉर्ड-कीपिंग एजेंसीज (CRA) में सब्सक्राइबर की पहचान पर्मानेंट अकाउंट नंबर (PAN) से होगी।” नए फ्रेमवर्क के तहत पेंशन फंड मैनेजर्स ऐसी स्कीम तैयार कर सकेंगे जो सब्सक्राइबर की जरूरत के मुताबिक होगी।स्कीम में कम रिस्क और ज्यादा रिस्क के दो वैरिएंट्स होंगेइस स्कीम के दो वैरिएंट्स-मॉडरेट और हाई-रिस्क होंगे। हाई-रिस्क वाली स्कीम में इक्विटी में 100 फीसदी निवेश की इजाजत होगी। अभी इक्विटी में निवेश के लिए 75 फीसदी की लिमिट है। पेंशन फंड्स अगर चाहें तो वे लो-रिस्क प्लान भी ऑफर कर सकेंगे। पीएफआरडीए के सर्कुलर में कहा गया है, “सब्सक्राइबर्स की रिस्क प्रोफाइलिंग सामाजिक और आर्थिक मानदंडों पर आधारित होगी।” सभी स्कीम रिस्क-ओ-मीटर के साथ आएंगी। इससे सब्सक्राइबर्स हर स्कीम से जुड़े रिस्क को समझ सकेंगे।मिनिमम वेस्टिंग पीरियड 15 साल होगाइन स्कीम के लिए ‘एनपीएस’ टर्म का इस्तेमाल करना जरूरी होगा। साथ ही हर स्कीम का ऑब्जेक्टिव भी बताया जाएगा। इस स्कीम में निवेश के लिए मिनिमम वेस्टिंग पीरियड 15 साल होगा। सब्सक्राइबर को 60 साल के होने या रिटायरमेंट पर पूरा पैसा मिल जाएगा। पीएफआरडीए ने कहा है कि टोटल चार्ज के लिए सालाना एयूएम के 30 फीसदी की सीमा तय होगी।एनपीएस दिवस के मौके पर एमएसएफ की शुरुआतएक्सपर्ट्स का कहना है कि एमएसएफ से सब्सक्राइबर्स को ज्यादा विकल्प मिलेगा। रिटायरमेंट सेविंग्स पर उनका ज्यादा कंट्रोल होगा। इससे पेंशन फंडों के लिए इनोवेशन का मौका खुलेगा। साथ ही उनके बीच प्रतियोगिता बढ़ेगी। एमएसएफ की शुरुआत 1 अक्टूबर से होगी, जिस दिन एनपीएस दिवस भी है।