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Systematic Withdrawal Plan: रिटायरमेंट के बाद इनकम का पक्का और भरोसेमंद तरीका – systematic withdrawal plan sure and reliable way of income after retirement

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सिस्टमैटिक विदड्रॉल प्लान (SWP) – रिटायरमेंट के बाद आय का पक्का और भरोसेमंद तरीकाजैसे-जैसे रिटायरमेंट के दिन करीब आते हैं, एक निश्चित और स्थिर आय की ज़रूरत बढ़ती जाती है। किसी भरोसेमंद स्रोत से होने वाली आय उम्र के इस पड़ाव में बेहद ज़रूरी होती है। जिन लोगों ने म्युचुअल फंड के ज़रिए निवेश किया हो, उनके लिए अपने पैसे निकालने का एक व्यवस्थित और आसान तरीका सिस्टमैटिक विदड्रॉल प्लान (SWP) है। यह एक साथ जमा किए आपके पैसों को व्यवस्थित तरीके से खर्च करने की सटीक रणनीति है।सिस्टमैटिक विदड्रॉल प्लान (SWP) क्या होता है?सिस्टमैटिक विड्रॉल प्लान (SWP) एक ऐसी सुविधा है, जिसमें म्युचुअल फंड में जमा किए अपने पैसों में से एक निश्चित रकम आप अपनी ज़रूरत और सुविधा के मुताबिक निकाल सकते हैं। यह हर महीने, तीन महीने या सालाना कभी भी निकाल सकते हैं। अगर आप एकमुश्त पैसा निकालते हैं, तो यह भविष्य में आपके निवेश के विस्तार की क्षमता को काफ़ी हद तक प्रभावित कर सकता है। SWP के साथ यह सुविधा है कि आप अपने निवेश के एक बड़े हिस्से को बरकरार रख सकते हैं। उसमें से कुछ अंश को ज़रूरत के मुताबिक निकाल सकते हैं। SWP के ज़रिए आप अपने पोर्टफ़ोलियो की शेष राशि को निवेश किए हुए रख सकते हैं।संबंधित खबरेंSWP कैसे काम करता है?जब आप SWP विकल्प चुनते हैं, तो जितनी राशि आप निकालना चाहते हैं, उतनी रकम की पूर्ति के लिए म्युचुअल फंड में से कुछ यूनिट निकाल लिए जाते हैं। उदाहरण के लिए, मान लीजिए कि आपने म्युचुअल फंड में निवेश किया है और हर महीने ₹10,000 निकालने का लक्ष्य रखा है। हर महीने म्युचुअल फंड में से ₹10,000 कीमत की यूनिट बेच दी जाएगी। निकासी के समय इन यूनिट का मूल्य निर्धारण म्यूचुअल फंड के प्रचलित नेट एसेट वैल्यू (NAV) के आधार पर होगा।समय के साथ, मार्केट के प्रदर्शन के मुताबिक ही आपकी बची हुई निवेश राशि का मूल्य भी बढ़ सकता है। आसान भाषा में कहें, तो जब आप एक निश्चित राशि निकालते भी हैं, तो भी आपकी बची हुई पूंजी बाजार में लगी रहती है और यह निवेश आपके लिए बाज़ार के प्रदर्शन के मुताबिक घटता-बढ़ता रह सकता है।रिटायरेंट के लिए SWP क्यों है बेहतरीन विकल्प?रिटायरमेंट की ज़िंदगी का भरपूर तरीके से लुत्फ़ लेने के लिए ज़्यादातर लोगों के दो ही आर्थिक लक्ष्य होते हैं: अब तक बचाए और निवेश किए गए पैसों की सुरक्षा और एक नियमित और स्थिर आय का स्रोत। SWP आम लोगों के इन दोनों ही लक्ष्यों को पूरा करने में सक्षम है। यहां विस्तार से समझें कैसे:1. नियमित आय: SWP से रिटायरमेंट के बाद भी एक स्थिर और निश्चित रकम आपको तय समय पर मिलती है। यह रकम निवेश में लगाए पैसों को पूरी तरह से खर्च किए बिना ही आपको मिलेगी। इससे आप अपने नियमित खर्चे पूरे करते रह सकते हैं। रिटायरमेंट के बाद जब आपकी कमाई या तो बहुत कम रह जाती है या पूरी तरह से खत्म हो जाती है, तब एक निश्चित राशि का तय समय पर मिलना बड़ी सुविधा है।2. लचीलापन: SWP के साथ अच्छी बात यह भी है कि इसके समय अंतराल और रकम में अपनी सुविधा के मुताबिक बदलाव कर सकते हैं। SWP से पैसे निकालना बेहद लचीला है। अपनी बदलती आर्थिक ज़रूरतों और बाज़ार के हालात के मुताबिक, आप इसे बदल भी सकते हैं। ज़रूरत के अनुसार बदलाव की यह सुविधा मन की शांति के साथ ही आपको बेफ़िक्र भी बनाती है।3. टैक्स बचाने के लिए बेहतर विकल्प: SWP आम तौर पर दूसरे तय आय साधनों की तुलना में कर बचाने का बेहतर विकल्प है। अमूमन पैसों की निकासी पूंजीगत लाभ कर या कैपिटल गेन टैक्स के दायरे में आती है। यह अक्सर आयकर से कम होती है। इसे इस तरह भी समझ सकते हैं कि अगर आप ऐसे इक्विटी म्यूचुअल फंड को कैश कराते हैं, जिसे आपने एक साल से ज़्यादा समय तक रखा है, तो आपको सिर्फ़ लंबे समय के लिए कैपिटल गेन टैक्स ही देना होगा। यह फ़िक्स डिपॉजिट या पेंशन योजनाओं जैसे पारंपरिक निवेशों पर लगने वाले आयकर से कम होता है।रिटायरमेंट की योजना में SWP कैसे है मददगार, समझें यहांआम तौर पर रिटायरमेंट के बाद की ज़िंदगी के लिए म्युचुअल फंड में निवेश करने वाले ज़्यादातर निवेशकों के सामने एक उलझन हमेशा बनी रहती है। इस बचत का इस्तेमाल कैसे करें, जिससे पैसों के बढ़ने के साथ नियमित आय भी सुनिश्चित की जा सके। SWP इस उलझन को बेहद आसानी से सुलझाता है। इस बारे में विस्तार से समझें यहां:1. बाज़ार के उतार-चढ़ाव के बीच आपका निवेश सुरक्षित रखे: SWP के साथ यह सुविधा है कि आपको अपना पूरा निवेश एक बार में ही नहीं बेचना है। बाज़ार की उतार-चढ़ाव भरी परिस्थितियों के बीच यह अपने-आप में एक सुरक्षा कवच की तरह है। अगर बाज़ार नीचे भी गिर रहा है, तो भी आप उस वक्त अपने पूरे निवेश का कुछ हिस्सा ही बेचते हैं। आपके पोर्टफ़ोलियों में एक बड़ी राशि सुरक्षित रहती है और भविष्य में नुकसान की भरपाई होने की संभावना भी होती है।2. मंहगाई के साथ आपकी आय को करे अडजस्ट: पेंशन या फ़िक्स डिपॉजिट आय के पारंपरिक स्रोत हैं, लेकिन ये बढ़ती महंगाई के अनुपात में आपकी जरूरतों के मुताबिक तालमेल नहीं बिठा सकते हैं। म्युचुअल फंड में निवेश करके, आप अपने पोर्टफ़ोलियो को महंगाई से प्रभावित हुए बिना बढ़ने का मौका देते हैं। इससे बढ़ती महंगाई और बदलते दौर में भी आपकी खरीदने की क्षमता पर खास असर नहीं पड़ता है।3. एकमुश्त सारे पैसे निकालने की बाध्यता नहीं: बहुत से रिटायर लोगों को लगता है कि बाज़ार के उतार-चढ़ाव से बचने के लिए निवेश की हुई पूरी रकम को एक साथ निकाल लेना चाहिए। कुछ लोगों को यह भी डर रहता है कि मार्केट के गिरने पर उनके पैसे डूब जाएं या फिर वह सही रिटर्न पाने तक जीवित ही न रहें। हालांकि, एक साथ सारा पैसा निकाल लेना सही विकल्प नहीं है। इससे रिटायरमेंट के लिए जमा पैसे को बढ़ने के लिए पर्याप्त वक्त नहीं मिलता है। SWP आपको एक व्यवस्थित, सही अनुपात में पैसे निकालने की सुविधा देता है, जिससे आपकी मेहनत की कमाई से बचाए पैसों को बाज़ार के साथ बढ़ने का मौका मिलता है।4. ज़िंदगी की ज़रूरतों के मुताबिक तैयार रखना: बदलते उम्र की दौर में आपकी आर्थिक ज़रूरतें भी बदलती रहती हैं। SWP के ज़रिए आप अपनी ज़रूरतों के मुताबिक पैसे निकालने की व्यवस्था कर सकते हैं – फिर चाहे उम्र के साथ बढ़ने वाले मेडिकल खर्चों के लिए ज़्यादा पैसों की ज़रूरत हो या अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए पैसे जमा करने का सपना हो। SWP आपके लिए सुविधाजनक विकल्प है।SWP के लिए चुनें सही म्युचुअल फंडSWP बेहतरीन विकल्प है, लेकिन इसका अधिकतम फ़ायदा लेने के लिए सही म्युचुअल फंड चुनना भी बेहद ज़रूरी है। इसके लिए ऐसे फंड चुनें, जो आपकी जोखिम उठाने की क्षमता के साथ आर्थिक ज़रूरतों को भी पूरा करें।- इक्विटी म्युचुअल फंड लंबे समय के लिए ज़्यादा रिटर्न देने में सक्षम होते हैं। ऐसे लोग जो सीमित स्तर से लेकर ज़्यादा जोखिम उठाने के लिए तैयार हैं, उनके लिए ये फंड उपयुक्त होते हैं।- ऐसे लोग जो मध्यम स्तर से लेकर कम जोखिम उठाना चाहते हैं, उनके लिए बैलेंस संतुलित या डेट म्युचुअल फंड सही विकल्प हैं। ये बाज़ार के उतार-चढ़ाव के बीच अपेक्षाकृत ज़्यादा स्थिरता देते हैं। हालांकि, इनमें रिटर्न तुलनात्मक तौर पर कम हो सकता है।रिटायरमेंट के लिए तय किए अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए सबसे उपयुक्त फंड चुनने का फ़ैसलाकरने से पहले अपने आर्थिक सलाहकार से राय ज़रूर लें।निवेश करने के लिए उठाएं सही कदमअपने रिटायरमेंट की तैयारी करते हुए, ज़रूरी है कि आप निवेश का फ़ैसला सोच-समझकर लें। “Nivesh ke Sahi Kadam” (निवेश का सही कदम) AMFI – Mutual Funds Sahi Hai & News18 Network (AMFI – म्युचुअल फंड सही है & News18 Network) की संयुक्त साझेदारी है। हमारी कोशिश है कि निवेशकों को लचीले और आसान निवेश विकल्प, जैसे कि SWP के बारे में ज़्यादा जानकारी दे सकें, ताकि निवेशक अपनी बचत का अधिकतम फ़ायदा उठा सकें। म्युचुअल फंड आपके आर्थिक भविष्य से जुड़े सपनों को पंख दे सकते हैं। रिटायरमेंट के बाद की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए यह एक स्मार्ट और आपकी ज़रूरतों के मुताबिक काम आने वाला विकल्प है।म्यूचुअल फंड में निवेश बाज़ार की जोखिमों के अधीन है। कृपया निवेश का फ़ैसला लेने से पहले सभी दस्तावेज ध्यान से पढ़ें। योजनाओं के NAV अलग-अलग कारकों की वज़ह से प्रभावित होते रहते हैं। इनमें ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव भी शामिल है। ऐसा ज़रूरी नहीं है कि किसी म्युचुअल फंड का भविष्य में प्रदर्शन पहले किए प्रदर्शन के जैसा ही हो। साथ ही, म्युचुअल फंड किसी भी योजना के तहत लाभांश की गारंटी या आश्वासन नहीं देता है। म्युचुअल फंड से मिलने वाला लाभांश या रिटर्न पूरी तरह से अधिशेष या लाभ की उपलब्धता और उसके वितरण पर निर्भर करता है। निवेशकों से अनुरोध है कि वे प्रस्तावों की सावधानी से समीक्षा करें और योजना में निवेश/भागीदारी के कानून, कर और आर्थिक उद्देश्यों के संबंध में पेशेवर विशेषज्ञों से राय लें।अधिक जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें https://www।news18features।com/niveshkasahikadam

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