NEET की तैयारी कर रहे छात्र ने मम्मी-पापा पर किया सब्बल से हमला, मां की गई जान, घायल पिता बोले- पढ़ाई का कोई दबाव नहीं डाला – neet aspirant attacked his parents with a crowbar mother died his father said that no pressure was put on him to study
बालाघाट के वारासिवनी में 3 मार्च की रात को NEET की तैयारी कर रहे 20 साल के सत्यम कटरे ने अपने माता-पिता पर सब्बल से हमला कर दिया। इस हमले के 24 घंटे में ही उसकी मां प्रतिभा कटरे की मौत हो गई और पिता किशोर कटरे फिलहाल बेहतर है। सत्यम को वारासिवनी उपजेल भेज दिया गया है। घटना को करीब 17 दिन बीत चुके हैं। इतने दिन बीत जाने के बाद भी मोहल्ले के लोगों के मन में डर का माहौल है। जिले में अब भी चर्चा है कि पढ़ने-लिखने वाला लड़का इतना हिंसक कैसे हो गया?Local 18 के मुताबिक, वारासिवनी के कॉलेज टोला (सिकंदरा) में लोग घटना के इतने दिन बीत जाने के बाद भी डर में हैं। कई लोगों ने नाम न लिखने की शर्त पर बताया कि सत्यम कभी घर से बाहर नहीं निकलता था। वह घर में ही रहता था। उसके माता-पिता भी लोगों से मिलते-जुलते थे। घटना के दिन क्या हुआ, ये पूछने पर ज्यादातर लोगों ने चुप्पी साधे रखी।आरोपी के पिता पहली बार मीडिया के सामनेसंबंधित खबरेंआरोपी के पिता और हमले में घायल हुए किशोर कटरे से घटना के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उस दिन वह और उनकी पत्नी प्रतिभा कटरे साथ में स्कूल से आए थे, लेकिन उसके बाद क्या हुआ कुछ याद नहीं। किशोर कटरे ने बताया कि सत्यम उनका इकलौता बेटा है। उसके भविष्य की हमें चिंता थी, लेकिन उस पर पढ़ाई का कोई दबाव नहीं डाला। उसने NEET की कोचिंग का फैसला भी खुद ही किया। वह बचपन से ही पढ़ाई में तेज था।सत्यम ने वारासिवनी आइडियल पब्लिक स्कूल से 10वीं पास की थी। उसके 79 प्रतिशत अंक आए थे। वहीं, कक्षा 12वीं में 66.4 प्रतिशत अंक आए थे। इसके बाद उसने तीन बार NEET की परीक्षा दी थी, लेकिन अंक अच्छे नहीं आए थे। उनका कहना है कि डॉक्टर बनने की ख्वाईश खुद सत्यम की ही थी।खुद ने तय किया कोटा जानासत्यम के पिता किशोर कटरे ने बताया कि सत्यम ने खुद ही तय किया था कि उसे कोटा में कोचिंग करना है। इसके लिए पिता ने कोटा में एक कोचिंग संस्थान में उसका दाखिला करवाया था, लेकिन 15 दिन के भीतर ही कोटा से उसका मोहभंग हो गया और घर आने की बात करने लगा। ऐसे में उसके पिता ने उसे वापस लाने का फैसला किया। जब उसे लेने पहुंचे तो उसने पहले ही बैग तैयार कर लिए थे और वहां खाना खाकर घर आ गयाघर में अकेले रहता मम्मी-पापा स्कूल जातेकिशोर जरामोह गांव के पीएम श्री हायर सेकेंडरी स्कूल में विज्ञान के शिक्षक थे। उनकी पत्नी प्रतिभा नहरटोला सावंगी के प्राइमरी स्कूल में पदस्थ थी। मायके में भाई भी टीचर हैं। हमारे पिता जीएल कटरे भी अंग्रेजी के टीचक थे। उनके पढ़ाए हुए बच्चे आज बड़े पदों पर हैं। पूरा परिवार शिक्षा विभाग से जुड़ा है। वहीं, सत्यम के माता-पिता स्कूल जाते थे। ऐसे में सत्यम घर पर ज्यादातर समय अकेला ही रहता था। सत्यम के मामा ने बताया था कि वह हमेशा कहता था कि सब लोग टीचर हैं, मैं अलग करूंगा और डॉक्टर बनूंगा।पिता ने बेटे के लिए 48 लाख का प्लाट खरीदाकिशोर कटरे ने बताया कि हमने कभी सत्यम पर पढ़ाई का दबाव नहीं डाला। वह तीन बार NEET की परीक्षा दे चुका था, लेकिन 300 से कम ही अंक आए थे। तब वह कहता था कि NEET बहुत छोटी चीज है, मैं इससे भी अच्छा करूंगा। इसके बाद हमने उसके बेहतर भविष्य को ध्यान में रखते हुए। वारासिवनी के सिकंदरा में 48 लाख का प्लाट भी लिया था। सोचते थे कि NEET न सही, कम से कम कोई अच्छा बिजनेस कर लेगा।नीट का फॉर्म भरने पर था विवादसत्यम के पिता ने बताया कि उससे पुछते थे कि NEET का फार्म भरा या नहीं। वह कहता था कि मैं खुद ही भर लुंगा। इस पर कुछ दिनों से विवाद चल रहा था। वह जब 9वीं में था, तब ही उसे लैपटॉप दिया था। ऐसे में शायद खुद ने ही NEET का फॉर्म भरा हो। इस पर वह सत्यम से सवाल पुछते थे।