Gold Price today: गोल्ड खरीदने की ये हैं 10 वजहें, जानिए 2025 में कहां तक जा सकता है सोने का भाव – gold rally continues these are 10 reasons of buying gold in year 2025 for you
सोना 2025 में भी निवेशकों को मालामाल कर रहा है। 2024 में सोने में निवेश करने वाले लोगों ने शानदार मुनाफा कमाया था। 11 अप्रैल को सोने ने ऊंचाई का नया रिकॉर्ड बना दिया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहली बार इसका प्राइस 3,200 डॉलर प्रति औंस के पार चला गया। इधर, कमोडिटी एक्सचेंज एमसीएक्स में भी गोल्ड फ्यूचर्स पहली पार 93,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऊपर निकल गया। इसकी वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी बताई जा रही है। दुनिया के बड़े बैंकों ने सोने में न सिर्फ इस साल बल्कि अगले 4-5 सालों तक तेजी जारी रहने का अनुमान जताया है।इस साल की शुरुआत में सोने का भाव 2,650 डॉलर प्रति औंस था। अभी इसमें 3,200 डॉलर से ऊपर ट्रेडिंग हो रही है। 2024 में भी गोल्ड ने करीब 28 फीसदी रिटर्न दिया था। कमोडिटी एनालिस्ट्स का कहना है कि ट्रंप का रुख चीन को लेकर लगातार सख्त बना हुआ है। दुनिया की दोनों आर्थिक महाशक्तियां के बीच टैरिफ वॉर चल रहा है। दोनों में कोई झुकने को तैयार नहीं है। इससे सोने में तेजी जारी रहने का अनुमान है।आप सोने में निवेश कर सकते हैं। अगर आपके इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में सोना नहीं है तो आप 10-15 फीसदी निवेश गोल्ड में कर सकते हैं। सोने में निवेश करने की ये हैं 10 बड़ी वजहें:संबंधित खबरेंट्रेड टैरिफ: ट्रंप ने भले ही करीब 78 देशों पर टैरिफ 90 दिनों के लिए टाल दिया है, लेकिन चीन को लेकर उन्होंने किसी तरह की नरमी नहीं दिखाई है। दोनों देशों के बीच टकराव बढ़ता दिख रहा है। अगर दोनों में किसी तरह का समझौता नहीं हुआ तो गोल्ड में तेजी जारी रह सकती है।केंद्रीय बैंकों की खरीदारी: दुनियाभर के केंद्रीय बैंक सोने में निवेश बढ़ा रहे हैं। चूंकि केंद्रीय बैंक ज्यादा मात्रा में सोना खरीदते हैं जिससे उनकी खरीदारी का सीधा असर गोल्ड की कीमतों पर पड़ता है। पिछले तीन सालों में केंद्रीय बैंकों में हर साल 1,000 टन से ज्यादा सोना खरीदा है।स्टैगफ्लेशन की चिंता: अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की तरफ से जारी मिनट्स को पढ़ने से पता चलता है कि फेड को अमेरिकी इकोनॉमी के स्टैगफ्लेशन में जाने की आशंका है। स्टैगफ्लेशन का मतलब ऐसी इकोनॉमी की ऐसी स्थिति से है, जिसमें इनफ्लेशन बढ़ता है लेकिन इकोनॉमी की ग्रोथ घटती है।चीन में ईटीएफ में निवेश: चीन में गोल्ड ईटीएफ में निवेश काफी बढ़ा है। 2024 में चीन में गोल्ड ईटीएफ में करीब 1 अरब डॉलर का निवेश हुआ है। 2025 में भी गोल्ड ईटीएफ में काफी निवेश हो रहा है।अमेरिका में इंटरेस्ट रेट घटने की उम्मीद: इस साल अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के इंटरेस्ट रेट में कम से कम और दो बार कमी करने की उम्मीद है। इंटरेस्ट रेट घटने पर गोल्ड की चमक बढ़ जाती है।गोल्ड का शानदार प्रदर्शन: पिछले दो दशक से ज्यादा समय से गोल्ड निवेशकों को शानदार रिटर्न देता आ रहा है। साल 2000 से 2025 के बीच इसने सिर्फ दो बार निगेटिव रिटर्न दिया है।जियोपॉलिटिकल टेंशन: मिडिल-ईस्ट में स्थितियां सामान्य नहीं हैं। उधर, रूस-यूक्रेन के बीच तनाव बना हुआ है। ऐसे में गोल्ड की डिमांड मजबूत बने रहने की उम्मीद है।करेंसी में उतारचढ़ाव: अमेरिकी डॉलर तीन साल के निचले स्तर पर आ गया है। डॉलर कमजोर होने पर दुनिया की दूसरी करेंसी में सोने खरीदना सस्ता हो जाता है।बढ़ता कर्ज: अमेरिका में सरकार का कर्ज बढ़कर नवंबर 2024 में 36 लाख करोड़ डॉलर से ज्यादा हो गया। अमेरिकी सरकार के लिए यह कर्ज बड़ी मुसीबत पैदा कर सकता है। ऐसे में गोल्ड की चमक बढ़ेगी।मार्केट में उतारचढ़ाव: इस साल की शुरुआत से ही दुनियाभर के स्टॉक मार्केट्स में काफी उतारचढ़ाव दिख रहा है। अमेरिकी बाजार में तो काफी बिकवाली देखने को मिली है। इंडिया में भी शेयरों का प्रदर्शन कमजोर रहा है।गोल्ड की कीमतों को लेकर बैंकों का 2025 का टारगेट बैंक सोने का टारगेट (डॉलर प्रति औंस) डोएचे बैंक 3139-3700 एचएसबीसी 3,015 ANZ 3200 गोल्डमैन सैक्स 3300 यूबीएस 3200 बैंक ऑफ अमेरिका 3350 जेपी मॉर्गन 3000 सिटी 3500