Trade War: ट्रंप की नई 50% टैरिफ धमकी से भड़का चीन, ‘आखिरी दम तक लड़ने’ की दी चेतावनी – china threatened to countermeasures in response to trump threat of additional 50 percent tariff on chinese imports
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चाइनीज सामानों पर 50 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी के बाद चीन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। मंगलवार को चीन के कॉमर्स मिनिस्ट्री ने एक बयान जारी कर कहा कि वह अमेरिका के खिलाफ “आखिरी दम तक लड़ेगा” और अपने हितों की रक्षा के लिए जवाबी कदम उठाएगा। कॉमर्स मिनिस्ट्री ने अमेरिका की ओर से लगाए गए ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ को “पूरी तरह निराधार और एकतरफा दबाव की रणनीति” करार दिया। मिनिस्ट्री ने इशारा किया कि अब तक जो जवाबी शुल्क चीन ने लगाए हैं, वे अंतिम नहीं हैं और आगे और भी कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।बयान में कहा गया, “चीन के उठाए गए जवाबी कदम उसकी संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा के लिए हैं, और यह अंतरराष्ट्रीय व्यापार व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पूरी तरह से वैध हैं। अमेरिका की यह धमकी कि वह चीन पर और टैरिफ लगाएगा, एक गलती पर दूसरी गलती है और अमेरिका की ब्लैकमेलिंग की मानसिकता को उजागर करती है। चीन कभी भी इसे स्वीकार नहीं करेगा। अगर अमेरिका अपनी जिद पर अड़ा रहा, तो चीन अंत तक लड़ेगा।”राष्ट्रपति ट्रंप ने सोमवार को चेतावनी दी थी कि अगर चीन ने अमेरिकी सामानों पर अपनी 34% की टैरिफ बढ़ोतरी को वापस नहीं लिया, तो अमेरिका 9 अप्रैल से उस पर 50 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लागू करेगा। ट्रंप ने सोशल मीडिया मंच ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा, “अगर चीन ने अपने लंबे समय से चल रहे व्यापारिक शोषण के ऊपर जोड़ी गई 34% टैरिफ बढ़ोतरी को 8 अप्रैल तक वापस नहीं लिया, तो अमेरिका 50% अतिरिक्त टैरिफ लागू करेगा। इसके साथ ही, चीन के साथ सभी बातचीत समाप्त कर दी जाएंगी।”संबंधित खबरेंअगर ट्रंप की यह नई टैरिफ नीति लागू होती है, तो चाइनीज सामानों पर कुल अमेरिकी टैरिफ 104 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा। ट्रंप ने दोबारा सत्ता में आने के बाद पहले चीन पर 20 प्रतिशत टैरिफ का ऐलान किया था और फिर पिछले सप्ताह 34 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान किया था।अमेरिका और चीन के बीच छिड़े इस टैरिफ वार का असर केवल व्यापार तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि इसका असर ग्लोबल शेयर मार्केट्स पर भी दिखाई देने लगा है। टोक्यो से लेकर न्यूयॉर्क तक के शेयर बाजारों में भारी अस्थिरता देखी जा रही है। निवेशकों में डर का माहौल है कि यह टैरिफ वार आगे चलकर कहीं ग्लोबल मंदी का कारण न बन जाए।ट्रंप की नई चेतावनी ऐसे समय में आई है जब चीन ने पहले ही पिछले सप्ताह घोषित अमेरिकी टैरिफ का जवाब देने की बात कही थी। एनालिस्ट्स का मानना है कि अगर यह ट्रेड वार और अधिक तेज हुआ, तो चीन सस्ते सामानों को दूसरे देशों में एक्सपोर्ट्स कर ग्लोबल बाजारों को प्रभावित कर सकता है और यूरोपीय यूनियन जैसे भागीदारों के साथ अपने संबंध गहरा करने की कोशिश करेगा।चीन अमेरिका का एक प्रमुख व्यापारिक साझेदार है, खासतौर से से कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के मामले में। इन टैरिफों का बोझ अंततः अमेरिकी ग्राहकों पर पड़ेगा क्योंकि उन्हें सामनों के लिए अब अधिक दाम चुकाने पड़ेंगे।राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, “मुझे इसमें कोई दिक्कत नहीं, क्योंकि मैं अंत में एक सुंदर तस्वीर देखता हूं।” हालांकि, शेयर बाजारों में गिरावट और निवेशकों की चिंता को देखते हुए एक्सपर्ट्स इसे बहुत बड़ी कीमत मान रहे हैं।व्हाइट हाउस की तरफ से जब यह अफवाह फैली कि ट्रंप सभी टैरिफ को रोकने पर विचार कर रहे हैं सिवाय चीन के, तो कुछ देर के लिए शेयर बाजार में सुधार देखा गया। लेकिन जल्द ही इस खबर को “फेक न्यूज” बताते हुए नकार दिया गया, जिससे बाजार फिर से नीचे आने लगे।अर्थशास्त्रियों का मानना है कि यह संघर्ष अब ग्लोबल व्यापार को गहरे संकट की ओर धकेल सकता है, और अगर दोनों देश अपने रुख में नरमी नहीं लाते, तो आने वाले समय में इसका असर पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है।यह भी पढ़ें- Sensex-Nifty Sharp Recovery: 10 सेकंड में ₹8.47 लाख करोड़ की कमाई, Sensex में 1200 अंकों का उछाल