UPS: केंद्रीय कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर, मिलेगी 50% गारंटी पेंशन, 1 अप्रैल से लागू हो रही नई पेंशन स्कीम – new unified pension scheme from april 1 50 percent guaranteed pension know who is eligible
Unified Pension Scheme: केंद्र सरकारी आगामी 1 अप्रैल से यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) लागू करने जा रही है। इस योजना का उद्देश्य केंद्र सरकार के कर्मचारियों को पेंशन के तौर पर एक निश्चित रकम मुहैया कराना है। इस योजना को नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत लाया जा रहा है। फिलहाल यह स्कीम सिर्फ केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए है, लेकिन भविष्य में राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी इसके दायरे में लाया जा सकता है।यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) का उद्देश्य कर्मचारियों को 50% गारंटीड पेंशन देना है। अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं और पहले से NPS के तहत आते हैं, तो आपको UPS चुनने का विकल्प मिलेगा। अगर किसी कर्मचारी ने कम से कम 25 साल की सर्विस पूरी की है, तो उसे रिटायरमेंट से पहले के अंतिम 12 महीनों के औसत मूल वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलेगा। अगर सर्विस 10 साल से अधिक है, तो कम से कम 10,000 रुपये प्रति माह पेंशन दी जाएगी। अगर पेंशनधारी की मृत्यु हो जाती है, तो परिवार को अंतिम पेंशन का 60% पारिवारिक पेंशन के रूप में मिलेगा।नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) क्या है?केंद्र सरकार ने साल 2004 से पुरानी पेंशन योजना (OPS) को समाप्त कर दिया था और इसकी जगह नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) को लागू किया गया था। शुरुआत में यह केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए था, लेकिन 2009 में इसे सभी नागरिकों, नॉन-रेजिडेंट इंडियन (NRI), स्व-रोजगार करने व्यक्तियों और असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी खोल दिया गया।NPS कैसे काम करता है?कर्मचारियों के वेतन से एक निश्चित राशि कटती है और इसे बाजार-आधारित इनवेस्टमेंट स्कीमों में निवेश किया जाता है। रिटायरमेंट के समय 60 फीसदी से अधिक राशि को एकमुश्त निकाला जा सकता है, जबकि बाकी 40% फीसदी राशि को अनिवार्य रूप से एन्युइटी में निवेश करना पड़ता है, जिससे मासिक पेंशन मिलती है। OPS के विपरीत, NPS में पेंशन की कोई गारंटी नहीं होती है। पेंशन राशि पूरी तरह से स्टॉक मार्केट और निवेश योजनाओं के प्रदर्शन पर निर्भर करती है।पुरानी पेंशन योजना (OPS) क्या थी?NPS से पहले सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (OPS) के तहत पेंशन दी जाती थी। इसमें कर्मचारी को उनकी नौकरी की आखिरी सैलरी के आधार पर पेंशन मिलती थी। पेंशन का खर्चा पूरी तरह से सरकार वहन करती थी और इसके लिए कर्मचारी को कोई योगदान राशि नहीं देना पड़ती था। DA (महंगाई भत्ता) हर साल दो बार बढ़ाया जाता था। पेंशनधारी की मृत्यु के बाद, परिवार को भी पेंशन मिलती थी।हालांकि, सरकार को लगा कि यह योजना लंबे समय तक वित्तीय रूप से टिकाऊ नहीं रहेगी, इसलिए इसे दिसंबर 2003 में बंद कर दिया गया और 2004 से NPS लागू कर दिया गया। हालांकि, कर्मचारियों की मांग को देखते हुए कई राज्यों ने हाल में OPS को वापस लागू किया है, लेकिन केंद्र सरकार ने अब तक इसे वापस लाने से इनकार किया है।UPS, NPS और OPS में कौन-सा बेहतर है?यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS): यह OPS और NPS का मिश्रण है – इसमें फिक्स्ड पेंशन, न्यूनतम पेंशन गारंटी और फैमिली पेंशन दी जाती है। सरकार और कर्मचारी दोनों को योगदान देना होगा, जिससे फंड मजबूत बना रहेगा। यह उनके लिए अच्छा है, जो गारंटीड और स्थिर पेंशन चाहते हैं।नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS): सरकार इसमें कोई गारंटी नहीं देती, लेकिन शेयर मार्केट अच्छा प्रदर्शन करे तो ज्यादा रिटर्न मिल सकता है। जो लोग निवेश को समझते हैं, वे लंबे समय में ज्यादा लाभ कमा सकते हैं। हालांकि रिस्क ज्यादा है क्योंकि पेंशन की राशि मार्केट के प्रदर्शन पर निर्भर करती है।पुरानी पेंशन योजना (OPS): यह सबसे फायदेमंद थी, क्योंकि सरकार पूरी पेंशन देती थी और समय-समय पर DA भी बढ़ता था। लेकिन सरकार इसे वापस लाने के मूड में नहीं है, क्योंकि इससे वित्तीय बोझ बढ़ सकता है।यह भी पढ़ें- शेयर मार्केट के लिए जर्मनी से आई अच्छी खबर, इन भारतीय स्टॉक्स में दिख सकती है बड़ी हलचल