रिटायरमेंट प्लानिंग में हो रही दिक्कत? 4% रूल का करें इस्तेमाल और इन बातों का रखें ध्यान – retirement planning retire early using 4 percent rule with inflation adjustment india
Retirement Planning: रिटायरमेंट की प्लानिंग अक्सर लोगों को डराती है। खासकर, अगर बात जल्दी रिटायर होने की हो, तो मामला और भी संगीन हो जाता है। ‘इतने पैसे चाहिए होंगे… खर्च कैसे चलेगा… कब तक जीऊंगा…?’- ऐसे ढेरों सवाल मन में आते हैं। लेकिन इसी उलझन को हल करने के लिए एक आसान-सा फॉर्मूला है, 4% रूल।इस रूल के मुताबिक, अगर आपके पास इतना पैसा है कि उसका 4% हर साल आपके खर्च पूरे कर दे, तो आप रिटायर हो सकते हैं। इसका मतलब ये हुआ कि अगर आपकी सालाना जरूरत 10 लाख रुपये है, तो आपको 10 लाख × 25 यानी 2.5 करोड़ रुपये की दरकार होगी। आसान भाषा कहें, तो आपकी एक साल में जितनी जरूरत है, उसका 25 गुना पैसा आपके पास होना चाहिए।हालांकि, फाइनेंशियल एडवाइजर 4% के फॉर्मूले पर आंख मूंदकर अपनाने के प्रति आगाह करते हैं। 7Prosper के फाउंडर और पर्सनल फाइनेंशियल प्लानर अनमोल गुप्ता का कहना है कि इस रूल के पीछे कई ‘अगर-मगर’ छिपे हैं, जिन्हें नजरअंदाज करना खतरनाक साबित हो सकता है। उन्होंने हाल ही में एक सोशल मीडिया पोस्ट में रिटायरमेंट प्लानिंग से जुड़ी कुछ अहम बातों पर रोशनी डाली।संबंधित खबरेंरिटायरमेंट उम्र की भूमिका अहमगुप्ता के अनुसार, 4% रूल उन लोगों के लिए ज्यादा सही है, जो 55 से 60 साल की उम्र के आसपास रिटायरमेंट की योजना बना रहे हैं। यह नियम लगभग 30 वर्षों की रिटायरमेंट अवधि को आधार मानता है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति इससे पहले रिटायर होना चाहता है, तो उसे अपेक्षाकृत बड़ी राशि की जरूरत होगी, क्योंकि खर्च की अवधि लंबी होगी।महंगाई को न करें नजरअंदाजरिटायरमेंट प्लानिंग के दौरान एक सामान्य गलती यह होती है कि लोग मौजूदा खर्चों को आधार मानते हैं। अनमोल गुप्ता का कहना है कि महंगाई को ध्यान में रखते हुए भविष्य के खर्चों का अनुमान लगाना जरूरी है। ऐसा न करने पर रिटायरमेंट के बाद वित्तीय असंतुलन हो सकता है।कितना पैसा चाहिए रिटायरमेंट के लिए?अब मान लीजिए कि आपकी उम्र 30 साल है और आप 55 साल की उम्र में रिटायर होना चाहता है। मौजूदा मासिक खर्च ₹60,000 है यानी सालाना ₹7.2 लाख। अब सोचिए, अगर आज आप हर महीने ₹60,000 खर्च करते हैं, तो क्या 25 साल बाद भी ये खर्च इतना ही रहेगा? जवाब है, नहीं। यह खर्च महंगाई के हिसाब से बढ़ता जाएगा।अगर महंगाई की दर औसतन 6% रहे, तो ‘रूल ऑफ 72’ के हिसाब से हर 12 साल में खर्च दोगुना हो जाएगा, और 24-25 साल में लगभग चार गुना। इसका मतलब है कि अभी जो आपका सालाना खर्च ₹7.2 लाख है, वो अगले 12 साल में ₹14 लाख सालाना से ऊपर पहुंच जाएगा। और इसके अगले 12 साल बाद ₹28 लाख से ऊपर पहुंच जाएगा।अब 4% रूल लगाएं:₹28 लाख × 25 = ₹7 करोड़यानी 55 की उम्र में रिटायर होने के लिए आपको करीब ₹7 करोड़ चाहिए होंगे।Thumb Rules की सीमाएंगुप्ता का मानना है कि मौजूदा दौर में टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का दबदबा है। ऐसे में सिर्फ Thumb Rules पर निर्भर रहना सही नहीं होगा। उनकी सलाह है कि हर किसी को सटीक रिटायरमेंट कैलकुलेटर या फाइनेंशियल प्लानिंग टूल्स का इस्तेमाल करना चाहिए. जो व्यक्तिगत जरूरतों, निवेश रिटर्न, मुद्रास्फीति और जीवनकाल जैसे अहम पहलुओं को ध्यान में रखते हैं। इससे आप अपने रिटायरमेंट की प्लानिंग ज्यादा बेहतर तरीके से बना सकते हैं।यह भी पढ़ें : Retirement Planning: जल्दी रिटायर होना चाहते हैं? कितना चाहिए होगा फंड, किन बातों का रखना पड़ेगा ध्यान?