WhatsApp बिजनेस पर मैसेज भेजना होगा महंगा, मेटा ने प्राइसिंग पॉलिसी में किया बड़ा बदलाव – meta announces new whatsapp business message pricing effective july 2025
Meta के मालिकाना हक वाला WhatsApp अपनी बिजनेस प्लेटफॉर्म की प्राइसिंग पॉलिसी में बड़ा बदलाव करने जा रहा है। कंपनी 1 जुलाई 2025 से सभी बिजनेस अकाउंट से प्रति-संदेश (Per-Message) के आधार पर शुल्क लेगी, जो अब तक प्रति-कॉन्वर्सेशन (Per-Conversation) के आधार पर लागू था।Meta ने इस बदलाव को ‘मैसेजिंग इंडस्ट्री के स्टैंडर्ड’ से मेल खाने और प्राइसिंग को अधिक पारदर्शी बनाने की दिशा में एक कदम बताया है।क्लाइंट इंटरैक्शन में मिलेगा ज्यादा लचीलापनसंबंधित खबरेंनए नियमों के तहत, अगर कोई बिजेनस अकाउंट यूजर के मैसेज का जवाब देता है और वह जवाब यूटिलिटी टेम्पलेट के रूप में भेजा जाता है, तो उस संदेश पर कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। यह सुविधा केवल तभी लागू होगी, जब संदेश कस्टमर सर्विस विंडो के भीतर भेजा गया हो।यूटिलिटी टेम्पलेट का मतलब है कि ऐसे मैसेज से होता है, जो ग्राहक के साथ ट्रांजैक्शन, ऑर्डर या सर्विस अपडेट से जुड़े होते हैं। ये जानकारी देने वाले (informational) होते हैं, न कि प्रमोशन करने वाले (promotional)। वहीं, कस्टमर सर्विस विंडो बताता है कि बिजनेस अकाउंट और ग्राहक के बीच कब से कब तक बातचीत को ‘सर्विस इंटरैक्शन’ माना जाएगा। इस दौरान कुछ संदेशों पर शुल्क नहीं लिया जाता या रियायत मिलती है।प्राइसिंग में कैटेगरी और समय की भूमिका1 जुलाई से लागू होने वाली नई व्यवस्था के अनुसार, WhatsApp अब हर डिलीवर किए गए मैसेज पर शुल्क लगाएगा। यह शुल्क तीन कैटेगरी के संदेशों पर लागू होगा: मार्केटिंग टेम्पलेट यूटिलिटी टेम्पलेट ऑथेंटिकेशन टेम्पलेट अगर ये संदेश कस्टमर सर्विस विंडो के बाहर भेजे जाते हैं, तो प्रत्येक पर अलग-अलग चार्ज लगेगा। वहीं, विंडो के भीतर भेजे गए यूटिलिटी मैसेज निःशुल्क होंगे।वॉल्यूम-बेस्ड रेटिंग सिस्टम भी होगा लागूWhatsApp ने यह भी घोषणा की है कि अब वह वॉल्यूम टियरिंग सिस्टम पेश करेगा। इसका मतलब है कि जो बिजनेस अकाउंट वॉट्सऐप के प्लेटफॉर्म पर अधिक संख्या में संदेश भेजते हैं, उन्हें कम दरों पर मैसेजिंग की सुविधा मिलेगी। यह बदलाव कंपनियों को WhatsApp के जरिए अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करेगा।बिजनेस अकाउंट के चार्ज कैसे तय होंगे?WhatsApp हर संदेश पर शुल्क तब लेगा, जब वो डिलीवर हो जाएंगे। चार्ज दो चीजों को ध्यान में रखकर तय होंगे: रिसीवर के फोन नंबर का कंट्री कोड, यानी वह किस देश में है। संदेश की कैटेगरी क्या है, जैसे कि मार्केटिंग, यूटिलिटी या ऑथेंटिकेशन। बिजनेस अकाउंट पर क्या असर होगा?इस बदलाव के चलते उन बिजनेस अकाउंट को अपनी रणनीति पर दोबारा गौर करना होगा, जो अब तक WhatsApp को कम लागत वाले कम्युनिकेशन टूल की तरह इस्तेमाल कर रहे थे। खासकर मार्केटिंग और प्रमोशनल मैसेज भेजने वाली कंपनियों को लागत और फ्रीक्वेंसी दोनों के लिहाज से नए फैसले लेने होंगे।यह भी पढ़ें : Loan Default: पर्सनल लोन की किस्त चूकने पर क्या होगा, क्रेडिट रिपोर्ट में कब तक दिखेगा असर?