PSU में स्टेक सेल पर क्यों लगा ब्रेक, क्या निवेशकों के साथ सरकार को भी बुल रन का इंतजार? – disinvestment psu minority stake sale may slowdown due to market volatility
Disinvestment Plan: शेयर बाजार में काफी समय से अस्थिरता का माहौल है। इसे देखते हुए सरकार आने वाले महीनों में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र की उद्यमों (CPSEs) में मॉइनोरिटी स्टेक सेल (Minority Stake Sales) को लेकर सतर्क रुख अपना सकती है। इस मामले से वाकिफ अधिकारियों ने CNBC-TV18 को बताया कि विनिवेश (Disinvestment) सरकार की प्राथमिकता में बना रहेगा, लेकिन बाजार की स्थिति के अनुसार ऑफर फॉर सेल (OFS) योजनाओं को एक से दो महीने के लिए टाला जा सकता है।एक सरकारी अधिकारी ने कहा, “हमारी बाजार पर बारीक नजर है। इस वक्त काफी अस्थिरता का माहौल है। ऐसे में समझदारी होगी कि हिस्सेदारी बिक्री के लिए वाजिब वक्त का इंतजार किया जाए।”किन कंपनियों में हिस्सेदारी बिक्री की योजना?सरकार मौजूदा वित्त वर्ष के लिए अपने विनिवेश लक्ष्य को पूरा करने के लिए कई सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी बिक्री पर विचार कर रही थी। हालांकि, शेयर बाजार में हालिया करेक्शन के चलते कई सरकारी कंपनियों के शेयर 2024 में अपने उच्चतम स्तर से 30% से 60% तक गिर चुके हैं।सरकार फिलहाल 4 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों – यूको बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक में हिस्सेदारी घटाने की प्रक्रिया में है। इंडियन ओवरसीज बैंक ने अपने संस्थागत शेयर बिक्री (QIP) से ₹1,436 करोड़ जुटाए हैं, जबकि अन्य तीन बैंकों में यह प्रक्रिया अभी चल रही है।विनिवेश से ज्यादा डिविडेंड से लाभ?हिस्सेदारी बिक्री की रफ्तार भले ही सुस्त हो, लेकिन सरकार को मौजूदा वित्त वर्ष में CPSEs से भारी डिविडेंड मिलने की उम्मीद है। अनुमानों के मुताबिक, CPSEs मार्च 31, 2025 तक सरकार समेत अपने निवेशकों को करीब ₹1.40 लाख करोड़ का डिविडेंड बांट सकती हैं।एक अधिकारी ने बताया, “इस साल भी CPSEs मजबूत डिविडेंड देना जारी रखेंगे। इसका सरकार के राजस्व में महत्वपूर्ण योगदान होगा। इससे विनिवेश लक्ष्य में किसी भी कमी को पूरा करने में भी मदद मिलेगी।”सरकार को कितना डिविडेंड मिला है?सरकार को वित्त वर्ष 2024-25 में सार्वजनिक कंपनियों से लगभग ₹70,000 करोड़ का डिविडेंड मिला है। वहीं, विनिवेश से ₹9,300 करोड़ की कमाई हुई है।मॉइनोरिटी स्टेक सेल की रफ्तार भले ही सुस्त पड़ जाए, लेकिन सरकार अपनी रणनीतिक विनिवेश योजनाओं को जारी रख सकती है। इनमें कुछ CPSEs में कंट्रोलिंग स्टेक (controlling stake) की बिक्री शामिल होगी। यह बाजार की उतार-चढ़ाव से अलग होकर स्वतंत्र रूप से आगे बढ़ेगी।यह भी पढ़ें : Market outlook : उतार-चढ़ाव भरे कारोबारी सत्र में सपाट बंद हुआ बाजार, जानिए 26 मार्च को कैसी रह सकती है इसकी चाल