निवेश के लिए फिजकल गोल्ड से क्यों बेहतर है ETF, काफी तेजी से बढ़ रही इस इंस्ट्रूमेंट की मांग – gold etf demand skyrockets what makes it a better investment than physical gold
मध्य पूर्व संकट की वजह से पैदा हुई ग्लोबल अनिश्चितता, डॉनल्ड ट्रंप की टैरिफ संबंधी धमकियों और ग्लोबल इकोनॉमी में सुस्ती की वजह से गोल्ड फिलहाल निवेश का पसंदीदा ठिकाना बन गया है। भारत के सामाजिक प्रचलन में भी ज्वैलरी को लेकर काफी झुकाव रहा है। गोल्ड को सुरक्षित एसेट के साथ-साथ इनफ्लेशन संबंधी जोखिम के खिलाफ बचाव का भी जरिया भी माना जाता है। हालांकि, बदलते वक्त के साथ लोग अब फिजिकल गोल्ड और ज्वैलरी के बजाय फाइनेंशियल गोल्ड में शिफ्ट कर रहे हैं। हाल के वर्षों में भारत की गोल्ड ज्वैलरी संबंधी मांग में लगातार गिरावट रही है। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक, एक अनुमान के मुताबिक, 2024 में भारत की गोल्ड ज्वैलरी डिमांग 563 टन रही, जबकि 2022 में यह आंकड़ा 600 टन था यानी इसमें 7 पर्सेंट की गिरावट हुई। साथ ही, 2021 में यह मांग 610 टन और 2023 में यह 575 टन थी। गोल्ड ज्वैलरी की मांग में क्यों गिरावट है?भारत में गोल्ड की मांग में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और ऐसे में ज्वैलरी खरीदना महंगा होता जा रहा है। साथ ही, ज्वैलरी पर अतिरिक्त मेकिंग चार्ज 10-12 पर्सेंट है, जो ज्वैलरी की बिक्री के वक्त नहीं लौटता है। युवा निवेशक पर निवेश संपत्ति के तौर पर ज्वैलरी के इस्तेमाल को लेकर आकर्षित नहीं है। उनकी दिलचस्पी अब गोल्ड एसेट्स के डिजिटल फॉर्मैट है, जो अब फाइनेंशियल गोल्ड के तौर पर जाना जाता है। संबंधित खबरेंफाइनेंशियल फंड इनवेस्टमेंट इंस्ट्रूमेंट्स होते हैं, जो म्यूचुअल फंड या एक्सचेंज ट्रे़डेड फंड (ETFs) के रूप में गोल्ड से जुड़े होते हैं। गोल्ड ईटीएफ (Gold ETFs) में जबरदस्त उछाल भारत में गोल्ड ईटीएफ निवेश का लोकप्रिय विकल्प बन रहे हैं। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड इन इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में गोल्ड ईटीएफ का नेट इनफ्लो 216 पर्सेंट की उछाल के साथ 9,225 करोड़ रुपये रहा। इससे पिछले साल यानी 2023 में यह आंकड़ा काफी कम 2,919 करोड़ रुपये था। गोल्ड ईटीएफ फिजिकल गोल्ड की कीमतों पर नजर रखता है। इसे शेयरों की तरह स्टॉक एक्सचेंज के जरिये खरीदा या बेचा जा सकता है। साथ ही, निवेशकों को इस पर किसी तरह का मेकिंग चार्ज नहीं देना पड़ता है। गोल्ड ईटीएफ पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स भी कम हैवित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024 के बजट में ऐलन था कि गोल्ड ईटीएफ का निवेश अगर 12 महीने से ज्यादा से मौजूद है, तो बिना इंडेक्सेशन 12.5 पर्सेंट लॉन्ग कैपिटल गेन्स (LTCG) लगेगा। इससे पहले गोल्ड ईटीएफ पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स इंडेक्सेशन के साथ 20 पर्सेंट था।
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